गांजावाला ने फेरी सुरों की माला भोले के भजन से लेकर चमकीले दिन जैसे गीतों पर थिरके कदम

आचार्य श्री विद्यासागर जी के जीवन चरित्र को नृत्य नाटिका ने किया जीवंत – सत्येंद्र सिंह
कत्थक नृत्य के माध्यम से बताई शक्ति के नौ रुपों की महिमा
दमोह – आदि देव शिव की कला अभिव्यक्ति को समर्पित नोहलेश्वर महोत्सव में कला और संस्कृति के विविध रंग दिख रहे हैं। महोत्सव के पांचवें दिन बॉलीवुड के प्रसिद्ध गायक कुणाल गांजावाला ने शिव गीत के साथ बॉलीवुड के धमाकेदार गीतों से सजी माला फेरी। जिले के जबेरा विधानसभा अंतर्गत नोहटा में प्राचीन ऐतिहासिक कलचुरी कालीन शिव मंदिर नोहलेश्वर के प्रांगण में 19 फरवरी से 28 फरवरी तक संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेन्द्र सिंह लोधी के द्वारा आयोजित भव्य नोहलेश्वर महोत्सव में कुनाल गांजावाला ने अपनी भगवान नोहलेश्वर महादेव को समर्पित भजन से की। दिल चाहता है…, साथिया…, सुनो न संगमरमर…आदि गाने गाते हुए गांजावाला ने ठुमकते हुए गीत गाए । गीतों की लड़ी से सजी सुहानी शाम का दर्शकों ने भरपूर लुत्फ उठाया और गंजावाला के सामने नृत्य किया। पांचवे दिवस के कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर की। संस्कृति विभाग और दमोह प्रशासन के सहयोग से आयोजित महोत्सव में मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड के स्टाल में जिले के प्रमुख पर्यटन स्थलों की झांकी लगाई गई है। पर्यटन प्रबंधक तरुण मिश्र ने बताया महोत्सव में न केवल बुंदेलखंड की संस्कृति बल्कि जिले के पर्यटन स्थलों के बारे में लोगों को जानकारी मिल रही है। उपस्थित अतिथियों राम समीप शुक्ला प्रांत प्रचारक, पीएल तंतुवाय पूर्व विधायक, शिव चरण पटेल पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष, प्रीतम सिंह पूर्व जिला अध्यक्ष भाजपा, हरिश्चंद्र पटेल भाजपा किसान मोर्चा अध्यक्ष, युवा नेता लोकेंद्र पटेल लकी, नरोत्तम पटेल पूर्व मंडल अध्यक्ष, विपिन पटेल, रामप्रसाद पटेल, पूरन पटेल एवं बुड्डू जी को महोत्सव संयोजक सत्येंद्र सिंह लोधी एवं मेला समिति सहयोगियों के द्वारा पुष्प हार पहनाकर एवं महोत्सव का दुपट्टा पहना कर स्वागत किया गया। इस आयोजन में चल रहे भव्य मेले की व्यवस्था माँ पीताम्बरा जन सेवा समिति भोपाल द्वारा की जा रही है।
राजस्थानी लोक नृत्य ने दिलाई राजस्थान की याद
राजस्थान प्रदेश के जिला बाड़मेर से राजस्थानी लोक नृत्य कलाकार भुगरा खान एवं उनके साथियों द्वारा सर्वप्रथम राजस्थानी स्वागत लोक नृत्य संगीत के माध्यम से शुरुआत की गई तत्पश्चात विभिन्न राजस्थानी लोक नृत्य एवं गीतों के माध्यम से बुंदेलखंड की धरा पर राजस्थानी संस्कृति की याद दिला दी।
कत्थक नृत्य के माध्यम से बताई शक्ति के नौ रुपों की महिमा कत्थक नृत्य के माध्यम से मां दुर्गा के नौ रूपों का चित्रण कत्थक नृत्यांगना संघमित्रा तायवाड़े और उनके साथियों द्वारा कत्थक नृत्य संगीत के माध्यम से आदिशक्ति मां दुर्गा के नौ देवी रूपों का चित्रण कत्थक नृत्य के माध्यम से किया गया साथ ही आदि देव महादेव एवं आदि शक्ति मां दुर्गा के प्रकृति सृजन की गाथा को वर्णन किया गया। कार्यक्रम के दौरान सभी दर्शकों ने मां दुर्गा के विभिन्न रूपों का दर्शन कर धर्ममय में हो गए।
आचार्य श्री विद्यासागर जी के जीवन चरित्र को नृत्य नाटिका से किया जीवंत
जिले के नोहटा नगर के समीप स्थित प्राचीन जैन तीर्थ आदिश्वर गिरि तीर्थ नोहटा के श्री आदिनाथ दिगंबर जैन पाठशाला के
विद्यार्थियों द्वारा परम पूज्य गुरुवर आचार्य श्री श्री 108 श्री विद्यासागर जी महाराज जी के जीवन के ऊपर आधारित नृत्य नाटिका का प्रदर्शन कर आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के जीवन के प्रत्येक संस्मरण को जीवंत कर दिया। जन्म से लेकर आचार्य श्री के मुनि दीक्षा, आचार्य पद ग्रहण और समाधि की कथा के वर्णन के दौरान उपस्थित दर्शक भाव विभोर हो गए।