पुराने पेंशन के लिए स्वास्थ्यकर्मियों ने सांसद को ज्ञापन सौंपा:मुरादाबाद में कर्मचारी बोले-सांसद-विधायक खुद तो पेंशन ले रहे, कर्मचारियों से छीन ली

पुरानी पेंशन की बहाली के लिए मुरादाबाद की सांसद रुचिवीरा को ज्ञापन सौंपते स्वास्थ्य कर्मी।
मुरादाबाद में पुरानी पेंशन के मुद्दे पर स्वास्थ्य कर्मियों ने गुरुवार को मुरादाबाद की सपा सांसद रुचिवीरा को ज्ञापन सौंपा। कर्मचारियों ने कहा कि सांसद और विधायक खुद तो पेंशन का लाभ ले रहे हैं, लेकिन लाखों कर्मचारियों को उनकी पुरानी पेंशन के अधिकार से वंचित कर दिया है। कर्मचारियों ने कहा कि उनकी पुरानी पेंशन बहाल नहीं की गई तो वो बड़ा आंदोलन करने को विवश होंगे। मुरादाबाद मे जिला अस्पताल के कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए सांसद रुचिवीरा को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से बताया कि 1 जनवरी, 2004 के बाद देश में नियुक्त 75 लाख से अधिक शिक्षकों एवं कर्मचारियों व अर्द्ध सैनिक बलों के सैनिकों को पुरानी पेंशन व्यवस्था से वंचित कर दिया गया है। इसके बदले शेयर बाजार पर आधारित नई पेंशन स्कीम एवं यूपीएस (एकीकृत पेंशन) व्यवस्था लागू कर दी गई है। जिसमें राष्ट्र एवं कार्मिकों का बिल्कुल भी हित नहीं है। पुरानी पेंशन व्यवस्था के अंतर्गत अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में सेवानिवृत्त कार्मिक को दिया जाता है। जबकि नई पेंशन व्यवस्था में सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों एवं कर्मचारियों के 40 प्रतिशत लाभांश के अनुसार पेंशन दी जाती है। एनपीएस के अंतर्गत सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों कर्मचारियों एवं अधिकारियों को पेंशन के नाम पर मात्र 800/-, 1250/-, 1800/- एवं 3157/ आदि मासिक पेंशन के रूप में मिल रहे हैं।
कर्मचारियों ने कहा कि राजा ज्वाला प्रसाद आर्य इंटर कॉलेज बिजनौर से सेवानिवृत्त हुए घनश्याम सिंह का अंतिम वेतन करीब 82 हजार रुपए था। जिन्हें आज मासिक पेंशन केवल 315 रुपए महीना मिल रही है। ये शिक्षकों और कर्मचारियों का खुला मजाक है। सरकार अगर पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कदम नहीं उठाएगी तो देश के सभी कर्मचारी और शिक्षक अगले चरणों में जोरदार आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि, हम लोग 1 मई को दिल्ली के जंतर मंतर पर एक ऐतिहासिक कार्यक्रम फिर से करने जा रहे हैं।