एक हादसे में 3 परिवारों की खुशियां तबाह:7 में से सिर्फ पड़ोसन बची, 6 की मौत; पड़ोसियों ने ताला तोड़ घर खोला

गुरुवार शाम जब नारायण, उनकी पत्नी और बेटे की अर्थियां एक साथ निकलीं तो सभी की आंखें नम हो गईं।
सिरोही के आबूरोड में गुरुवार की सुबह कोयले से भरे ट्रोले से हुई कार कार भिड़ंत में कार सवार 6 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे से तीन परिवारों में मातम पसर गया। हादसे से ज्यादा नियति की लोगों में चर्चा है। दरअसल, तीन परिवार अलग-अलग कारण से एक ही कार में साथ थे। किसी को एक दिन पहले लौटना था तो कोई संयोग से उस कार में बैठा था।
दरअसल, जालोर के नारायण लाल प्रजापत डॉक्टर को दिखाने और दवा लेने पत्नी-बेटे के साथ अहमदाबाद (गुजरात) गए थे। नारायण का साला कालूराम अपनी कार में उन्हें लेकर गया था। कालूराम के साथ उसका बेटा भी था। काम से फ्री होने के बाद नारायण उस परिवार से मिलने पहुंचे जहां बेटे की सगाई तय की थी, उन्होंने मान-मनुहार करते हुए एक दिन के लिए परिवार को अपने घर रोक लिया था।

सिरोही के आबूरोड में नारायण लाल की कार का भीषण एक्सीडेंट हुआ। फंसे लोगों को निकालने में मशक्कत करनी पड़ी।
दूसरे दिन घर लौटने के लिए निकले तो अहमदाबाद बस स्टैंड पर जालोर की बस का इंतजार करती परिचित पड़ोसन मिल गई। परिवार ने कहा- बस से नहीं, हमारे साथ चलो।
कार से जालोर लौट रहे 7 लोगों में नारायण लाल (58), उनकी पत्नी पोशी देवी (55), बेटा दुष्यंत (24), साला कालूराम (40), कालूराम का बेटा यशराज (4), परिचित दरिया देवी (35), दरिया देवी का बेटा जयदीप (4) थे। हादसे में सिर्फ दरिया देवी बच सकीं।
सिरोही के आबूरोड में गुरुवार अलसुबह 3 बजे उनकी कार कोयले से भरे ट्रोले में घुस गई। मौके पर ही 4 की मौत हो गई। 2 ने हॉस्पिटल पहुंचते-पहुंचते दम तोड़ दिया। दरिया देवी को गंभीर हालत में उदयपुर रेफर किया गया। नारायण लाल, कालूराम और दरिया देवी के परिवारों में कोहराम मच गया। जालोर के कुम्हारों का बास इलाके में सन्नाटा पसर गया। पड़ोसियों ने नारायण लाल के घर पर लगा ताला तोड़ा और सूचना मिलने पर पहुंचने वालों को अटैंड करने लगे।

जालोर में तिलक द्वार के पास कुम्हारों का बास इलाके में मातम का माहौल है।
नारायण लाल का पैरालाइसिस का इलाज चल रहा था
जानकारी के अनुसार- जालोर में तिलक द्वार के अंदर कुम्हारों का बास इलाके में रहने वाले नारायण लाल प्रजापत (58) पुत्र नरसाराम जिला हॉस्पिटल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे। कुछ साल पहले उन्हें पैरालाइसिस का अटैक आया था। चलने में दिक्कत होती थी। गुजरात के अहमदाबाद में इलाज चल रहा था। नारायण का बड़ा बेटा पिंटू अहमदाबाद में ही एक कपड़े की दुकान में नौकरी कर रहा है। नारायण ने कुछ दिन पहले पिंटू की सगाई अहमदाबाद में की थी।
नारायण लाल डॉक्टर को दिखाने अहमदाबाद जाते रहते हैं। इस बार डॉक्टर को दिखाने और दवा लाने के साथ-साथ पिंटू के रिश्तेदारों से मिलने का भी प्लान बना। इसलिए नारायणलाल, उनकी पत्नी पोशी देवी (55) और मझला बेटा दुष्यंत (24) जाने के लिए तैयार हुए।
कुम्हारों का बास से करीब 24 किमी दूर चांदराई (आहोर) में नारायण लाल का साला कालूराम प्रजापत (40) रहता था। वह वहीं चांदराई में इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान चलाता था। कालूराम के पास कार थी। नारायण ने साले के साथ चलने के लिए कहा तो वह कार में अपने बेटे यशराज (4) को भी ले आया। कालूराम की दुकान संभालने की जिम्मेदारी नारायणलाल के सबसे छोटे बेटे दिनेश (20) पर आई। वह दो दिन दुकान संभालने चांदराई आहोर चल गया।
सभी 5 लोग सोमवार (3 मार्च) रात जालोर से रवाना हुए और मंगलवार (4 मार्च) सुबह अहमदाबाद पहुंचे। मंगलवार को पहले डॉक्टर को दिखाकर नारायण ने दवा ली। इसके बाद पिंटू के ससुराल वालों के पास चले गए। वहां से मंगलवार को ही निकलने का प्रोग्राम था लेकिन ससुराल वालों ने मनुहार कर एक दिन के लिए रोक लिया। बुधवार (5 मार्च) की शाम सभी रिश्तेदारों के घर से निकले और जालोर के लिए रवाना हुए।

बस स्टैंड पर मिली परिचित महिला और उसका बेटा
रिश्तेदारों के घर से निकलने के बाद नारायण को अहमदाबाद (गुजरात) में जालोर का बस का इंतजार करती दरिया देवी (35) दिखाई दीं। दरिया के साथ उसका 4 साल बेटा जयदीप भी था। दरिया जालोर की बस का इंतजार कर रही थी। दरिया और उसका पति पुखराज नारायण लाल के पड़ोस में ही रहते थे।
कुछ समय से वे ज्योतिबाफूले नगर में शांतिपुरा रोड पर शिफ्ट हो गए थे। दोनों परिवारों में अच्छी जान पहचान थी। दरिया को देख नारायण लाल और परिवार के लोगों ने कार में साथ ही जालोर चलने को कहा। बेटे जयदीप को लेकर दरिया कार में बैठ गई।

हादसे में कालूराम के बेटे यशपाल की भी मौत हो गई
कोयले से भरे ट्रॉले के नीचे घुसी कार, 7 में से 6 की मौत
कार से अहमदाबाद से जालोर आते वक्त गुरुवार (6 मार्च) अलसुबह 3 बजे के करीब कार आबूरोड (सिरोही) में किवरली गांव में कोयले से भरे ट्रॉले के नीचे घुस गई। हादसा इतना भीषण था कि कार सवार 7 लोगों में से 4 की मौके पर ही मौत हो गई। 3 गंभीर घायल हुए जिन्हें आबूरोड हॉस्पिटल पहुंचाया गया। यहां 2 ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
हादसे में नारायण, उनकी पत्नी पोशी, बेटे दुष्यंत, साले कालूराम, कालू के बेटे यशराज और दरिया देवी के बेटे जयदीप की मौत हो गई। हादसे में सिर्फ दरिया बची, जिसका इलाज उदयपुर में चल रहा है।

सड़क हादसे में क्षति ग्रस्त कार
हादसे की सूचना से 3 परिवारों में मातम, पड़ोसियों ने तोड़ा नारायण लाल के घर का ताला
जालोर में गुरुवार तड़के प्रजापत समाज के 6 लोगों की हादसे में मौत की सूचना आग की तरफ फैली। 3 परिवारों में मातम पसर गया। कुम्हारों का बास में नारायण लाल के घर में ताला लगा था। दंपती और एक बेटे की मौत हो चुकी थी। बड़ा बेटा अहमदाबाद था, छोटा आहोर में मामा के घर पर था।
ऐसे में पड़ोसियों ने नारायण लाल के घर पर लगा ताला तोड़ा और घर पहुंचने वाले रिश्तेदारों और परिचितों को अटैंड करने लगे। परिजन व कुछ लोग गुरुवार सुबह 10 बजे तक आबूरोड (सिरोही) पहुंच गए।
आबूरोड एसडीएम शंकरलाल मीणा ने बताया-हादसे के बाद ट्रॉला ड्राइवर फरार हो गया। जिसकी तलाश की जा रही है।