राजस्थान- अच्छी जिंदगी के लालच में धर्म बदला, अब वापसी:एक की बीवी छोड़ गई, गहने बिक गए; बच्चों के लिए कपड़े तक नहीं


बांसवाड़ा के सोडलदूधा गांव में एक चर्च को मंदिर में बदला जा रहा है। ईसाई धर्म के चिह्न क्रॉस की जगह भगवान की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। शनिवार को स्पेशल स्टोरी में भास्कर ने खुलासा किया था कि चर्च की दीवारों पर जय श्री राम के नारे लिखे जा रहे हैं। चर्च के पादरी सहित गांव के कई लोगों ने हिंदू धर्म में वापसी की है।
मामले में सबसे बड़ा सवाल था कि क्या कारण थे कि इन लोगों ने पहले ईसाई धर्म अपनाया? इसके अलावा किस बात ने इन्हें हिंदू धर्म में वापसी के लिए प्रेरित किया?
सवालों के जवाब जानने के लिए पढ़िए पूरी रिपोर्ट…

पहले जो चर्च था, अब मंदिर है। शिखर पर भगवा ध्वज लहरा रहा है।
हिंदू धर्म में वापसी की तो पत्नी ने छोड़ा साथ सोडलदूधा गांव में पांचवीं क्लास तक पढ़े गौतम गरासिया ने सबसे पहले धर्म बदला था। गौतम ने बताया कि उसके मानसिक तनाव काफी ज्यादा था। हॉस्पिटल से लेकर देवी-देवताओं के सभी स्थान पर चक्कर काटे, लेकिन काेई असर नहीं हुआ।
इस दौरान उनके क्षेत्र में गरासिया मिनिस्ट्री के लोग घूम रहे थे। ये लोग बांसवाड़ा में पिछले कई साल से लगातार अपने धर्म का प्रचार कर रहे हैं। गौतम भी उनके सम्पर्क में आ गए।
गौतम ने बताया- उन लोगों ने मुझे कहा हमारे साथ आ जाओ। प्रभु की आराधना करो। शांति मिलेगी। वो लोग धर्म परिवर्तन के लिए लाल कलर का दाकरस (खास प्रकार का जूस) पिलाते थे। मीठे स्वाद के दाकरस के जरिए मन परिवर्तन की बात करते थे।
गौतम ने बताया कि वह पहले गांव से बाहर लगने वाली सभा में जाता था। बाद में मिनिस्ट्री के लोगों ने उससे गांव में ही अपने घर पर प्रार्थना सभा करने के लिए कहा।
गांव के अन्य लोगों को शामिल करने के लिए कहा। उसके लिए गौतम को महीने के 1500 रुपए भी देने लगे। गौतम से प्रभावित होकर उसके गांव के काफी लोगों ने भी धर्म परिवर्तन कर लिया।
गौतम ने बताया कि उनकी पत्नी इस धर्म से सबसे ज्यादा प्रभावित थी। पिछले साल गौतम के साथ गांव के 30 लोगों ने धर्म वापसी कर ली। गौतम की पत्नी ने धर्म बदलने से इनकार कर दिया।
गौतम ने यह भी बताया कि 30 सालों में ऐसा कुछ भी नहीं लगा कि धर्म परिवर्तन के बाद कोई मानसिक शांति मिली हो या कोई आर्थिक स्तर सुधरा हो। हालात आज भी जस के तस है। तीस साल में पक्की छत तक नहीं बना पाया। अपनों ने बोलना बंद कर दिया था। गौतम का 30 सदस्यों का परिवार है। उसके 6 बेटियां और 5 बेटे हैं।