डीजे प्लाजा के निर्माण में एक और लगा झटकारन्नू देवी की भूमि नहीं खाली करा सकते हैं प्लाजा संविदाकारन्यायालय प्रथम जिला न्यायाधीश ने सुनाया फैसला

सीधी। जिले में बीते तीन वर्ष से एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स (प्लाजा) का निर्माण कराया जा रहा है, अभी तक उक्त प्लाजा का निर्माण नाममात्र के लिए किया गया है और अब प्लाजा के छोर में निवासरत रन्नू देवी का मकान भी नहीं खाली कराया जा सकता है, न्यायालय प्रथम जिला न्यायाधीश सीधी ने डीजे प्लाजा के संविदाकार दीपक गुप्ता पिता रामशरण गुप्ता 45 वर्ष एवं भोला गुप्ता पिता समयलाल गुप्ता 56 वर्ष की द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया है। न्यायालय ने अपने आदेश में इस बात का साफ उल्लेख किया है कि रन्नू देवी पत्नी भगवानदीन कहार 58 वर्ष के द्वारा 03 जून 2024 को दायर याचिका की सुनवाई करते हुए तीन माह का समय दिया गया था लेकिन उक्त तीन माह के भीतर ही 12 जून 2024 को दीपक गुप्ता एवं भोला गुप्ता द्वारा जेसीबी मशीन लगाकर रन्नू देवी के मकान का एक कमरा एवं छत की सीढ़ी को ध्वस्त कर दिया गया, जो न्यायालय के आदेश की अवहेलना में आता है। इतना ही इस मामले में स्थगन आदेश की समयसीमा पूर्ण होने पर न्यायालय द्वारा 26 दिसम्बर 2024 को उक्त आदेश को यथावत रखने का आदेश जारी किया गया था। उक्त आदेश के विरुद्ध दीपक गुप्ता एवं भोला गुप्ता द्वारा दायर अपील की सुनवाई करते हुए 14 फरवरी 2025 को न्यायालय प्रथम जिला न्यायाधीश सीधी ने सारहीन बताते हुए निरस्त कर दिया है।
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संकट में दुकानों के क्रेता
बड़े शहरों की तरह एक छत के नीचे सभी प्रकार के व्यापार को एकत्र करने का सपना दिखाकर शहर जिले भर के लोगों से दुकानों की एडवांस बुकिंग के नाम पर अब तक संविदाकारों द्वारा लाखों नहीं बल्कि करोड़ों रुपए समेट लिए गए हैं और उन्हें जो समयसीमा निर्धारित की गई थी वह भी लगभग पूर्ण होने के कगार पर है लेकिन डीजे प्लाजा के निर्माण की ओर नजर दौड़ाई जाय तो अभी तक इस बहुमंजिला इमारत में एक मंजिला भी खड़ी नहीं हो पाई है। प्लाजा निर्माण की गति कछुआ गति से चल रही है और दुकान आवंटन के नाम पर लगातार लोगों से पैसे ऐंठे जा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि कुछ व्यापारियों ने इनकी कछुआ चाल को भांपते हुए अपने पैसे भी वापस ले लिए हैं, वहीं कुछ व्यापारियों को अभी भी शेख चिल्ली का सपना दिखा कर टालमटोल किया जा रहा है। जबकि हकीकत यह है कि जिस गति से डीजे प्लाजा के निर्माण का कार्य चल रहा है और अगर आगे भी यहीं गति रही तो इसे पूर्ण होने दशकों लग सकते हैं।
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भोपाल से चल रहा कारोबार
डीजे प्लाजा का निर्माण भले ही सीधी के सम्राट चौक में कराया जा रहा हो लेकिन हकीकत यह है कि इस बहुमंजिला इमारत के निर्माण की बागडोर भोपाल से चल रही है। सूत्र बताते हैं कि जिस शर्त अनुसार इन्हें यह भूमि दी गई थी उस शर्ट का भी पालन अभी तक नहीं हो पाया है। कलेक्ट्रेट भवन सहित प्रशासनिक अमले के लिए बनाए जा रहे रिहायशी भवनों का निर्माण अभी भी अधूरा है। जबकि शर्त अनुसार इन भवनों को एक वर्ष पूर्व ही निर्माण करा कर विभाग को सौंप दिया जाना चाहिए लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि न तो अभी तक कलेक्ट्रेट भवन का निर्माण पूरा हो सका और न ही रिहायशी भवनों को अंतिम रूप दिया गया। वहीं डीजे प्लाजा के निर्माण की बात की जाय तो यह तीन वर्ष से कागजों में ही आकार ले रहा है, जमीन में इसका 5 प्रतिशत कार्य अभी तक नहीं हुआ है।