अखिलेश के नफरती बयान पर लगे रोक – चन्द्रमणि पाण्डेय

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा दलित व पिछड़ी जातियों के विकास में सवर्णों के बाधक होने के आरोप वाले बयान पर जनपद के वरिष्ठ समाजसेवी व भाजपा नेता चन्द्रमणि पाण्डेय सुदामा ने कड़ा ऐतराज जताते हुए उनके बयान को राष्ट्रीय एकता व अखंडता के लिए घातक बताया उन्होंने कहा कि मुगलों व ब्रिटिश हुकूमत सकी गुलामी से मुक्त होने के लिए आजादी के नायकों ने जाति व प्रांत के भेद भाव से परे एकजुट होकर जिस अखण्ड भारत को आजाद कराया उसे जाते जाते अंग्रेजों ने धर्म के आधार पर भेद पैदा कर हिन्दुस्तान व पाकिस्तान में विभक्त कर दिया आज सत्ता की लालसा में वोट के लिए अखिलेश यादव जातीयता का विष बो रहे हैं कभी हिन्दू समाज को विकृत करने हेतु पीडीए का भगवान अपने पिता को बताते हैं तो कभी दलितों व पिछड़ों के विकास में सवर्णों को बाधक बताते हैं संत तुलसीदास पर शूद्रों का विरोधी बताने वाली सपा कभी ये नहीं बताती कि संविधान सभा के प्रारूप समिति के अध्यक्ष डाक्टर भीमराव अम्बेडकर व संत शिरोमणि रविदास जी के गुरु किस जाति के थे वास्तव में भय भूख भ्रष्टाचार के मुद्दे पर फेल समाजवादी पार्टी जब धर्म पर भी आक्षेप कर सत्ता हथियाने में सफल नहीं हो पाई तो वोटों के ध्रुवीकरण हेतु अपने बयानों से जातीय जहर बोन का काम कर रहे हैं अगर इन्हें पिछड़ों व दलितों की इतनी चिंता है तो परिवार से पर समाज के लोगों को पार्टी की कमान देकर दिखायें सर्वाधिक यादव जिलाध्यक्ष बनाने वाली अपने शासनकाल में सूबे को जंगलराज व गुण्डाराज में तब्दील करने वाली सपा अन्य जातीयों के विकास में सवर्णों को बाधक बताती है जबकि आज भी समाज के लोगों को न्याय देने दिलाने उनके सुख-दुख में हाथ बंटाने का काम सवर्ण समाज ही करता है। निश्चित तौर पर इनका बयान देश की अखण्डता व एकता हेतु घातक है न्यायपालिका व चुनाव आयोग को तत्काल इनके बयान को संज्ञान में लेकर कठोर कार्यवाही सुनिश्चित करना चाहिए व समाज को इनका वहिष्कार करना चाहिए।