कुंजोड़ा पंचायत के सिमला गांव में दो जगह होती है महाशिवरात्रि में धूमधाम से पूजा निकाले जाते है शिव बारात!
देवघर जिले के पालोजोरी प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत कुंजोड़ा पंचायत के सिमला गांव में दो जगह महाशिवरात्रि के दिन एक अलग ही नजारा देखने को मिलता है बात करें सिमला मिडिल स्कूल से के पास सटे शिव मंदिर में शिवरात्रि के दिन श्रद्धांलुओं की भीड़ देखने के लिए मिलता है तो शिव बारात में भुत बेताल से लेकर कई तरह के सजावटी भी सिमला मिडिल स्कूल के समीप शिव मंदिर के देख रेख व पुजारी सुदामा गोस्वामी करते है एवं बीते वर्ष के भांति यह वर्ष भी सभी ग्रामीणों व श्रद्धांलुओं द्वारा शिव विवाह में शामिल होकर शिव विवाह के शाक्षी बन कर अपने आप को धन्य समझा! साथ ही श्रद्धांलुओं द्वारा बड़ी ख़ुशी उमंग के साथ डीजे गाजे बाजे ढ़ोल व सहनाई के मधुर धुन में आनंद लेते हुए विवाह संपन्न होने के बाद सभी ने प्रसाद ग्रहण किए! वहीं सिमला के ही काली मंदिर के समीप देवो के देव महादेव एवं माता पार्वती के मंदिर के प्रतिष्ठा मंगलवार को पुरोहित द्वारा विधि विधान के साथ मंत्र उच्चारण के साथ किया गया था इस अवसर पर आस पास गांव घर से आए श्रद्धांलुओं द्वारा भक्ति का माहौल भी देखने को मिला , बुधवार को श्रद्धांलुओं द्वारा उपवास कर शिव मंदिर में माथा टेकने पहुंचें एवं शाम में शिव बारात में शामिल होकर शिव बारात के शाक्षी बने! शिव बारात सिमला के शिव पार्वती व काली मंदिर से प्रस्थान होते हुए सिमला हरी मंदिर के प्रागण तक पहुंचें जिसके बाद श्रद्धांलुओं द्वारा नाचते झुमते गाते हुए डीजे गाजे बाजे ढ़ोल ताशा के मधुर धुन पर थिरकते हुए शिव बारात सीधे शिव पार्वती मंदिर में पहुंचकर शिव पार्वती के विवाह पुरोहित द्वारा वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ सु संपन्न हुआ ! इस शिव बारात में श्रद्धांलुओं द्वारा सजे भुत पिसाच यक्ष से लेकर अनेकों तरह के जीव जंतु के तरह सजे हुए देखे गए, साथ ही सभी उपस्थित शिव बारात में श्रद्धालु ने बाबा भोलेनाथ एवं मां पार्वती के जयकारे के नारे लगाते हुए नज़र आए एवं मोदना डीह के रंग दल द्वारा शिव विवाह से लेकर सीता विवाह एवं अन्य कई तरह के कई झलकियां देखने को मिला,विवाह संपन्न होने पश्चात सभी उपस्थित श्रद्धांलुओं को फलाली व प्रसाद दिए गए कहा जाता है कि जब भगवान शिव माता पार्वती से विवाह के लिए अपनी बारात लेकर उनके घर पहुंचे, तो बारात और भगवान शिव के अद्भुत स्वरूप को देखकर लोग भयभीत हो गए. भगवान शिव ने गले में सांप और शरीर पर राख धारण की थी, एक हाथ में डमरू और दूसरे हाथ में त्रिशूल पकड़ा हुआ था. उनकी बारात में भूत, पिशाच, यक्ष, गंधर्व, अप्सरा, किन्नर, जानवर, सांप और बिच्छू जैसे अन्य जीव शामिल थे. इस दृश्य को देखकर पार्वती की माता मैना भी चिंतित हो गईं और उन्होंने इस विवाह के लिए मना कर दिया. तब नारद जी ने भगवान शिव और पार्वती के पुनर्जन्म की कथा सुनाई और भगवान शिव की शक्ति से उन्हें अवगत कराया. इसके पश्चात, वे विवाह के लिए सहमत हो गईं! सुदामा पंडित एवं उनके सुपुत्र राजेश पंडित द्वारा शिव बारात को लेकर पूरी तरह से व्यवस्था में पहले से ही जुटे हुए थे एवं राजेश पंडित ने बताया की हमारे पिताजी के द्वारा जो बीते वर्षो से शिव बारात को निकालने की परम्परा को निभाते आए है भगवान का आशीर्वाद हमारे परिवार पर ऐसे ही बने रहे तो हर वर्ष धूम धाम के साथ शिव बारात निकाले जायेंगे साथ ही राजेश पंडित ने कहा सिमला के नवयुवक एवं बुजुर्ग का में शुक्र गुज़ार ही जिसके वजह से शिव बारात शांति पूर्ण रूप से निकाल पाए साथ ही कहा हमारे सिमला के सभी सदस्यो को में धन्यवाद देता हूँ जिसके सहयोग से शांतिपूर्ण रूप से शिव विवाह संपन्न हुआ!

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