शिवरीनारायण/ आस्था, धर्म और अध्यात्म का संगम, मंदिरों की नगरीय गुप्त तीर्थ, नारायण क्षेत्र पावन शिवरीनारायण धाम में आज महाशिवरात्री के पावन अवसर पर श्रद्धालुओ का जन सैलाब उमड़ पड़ा।
नगर के चारो और श्रद्धालुओ और मेलार्थियों की अपार भीड़ नजर आया शबरी सेतु पर भी लोगों को घंटो जाम में झूझना पड़ा।गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य का सबसे बड़ा और पंद्रह दिनों तक लगातार चलने वाला मेला शिवरीनारायण में प्रतिवर्ष माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि पर्व पर लगता है जो इस वर्ष 12फरवरी से 28फरवरी तक नगर के मेला ग्राउंड स्थल पर लगा हुआ है। नगर के मुख्य मंदिर श्री शिवरीनारायण भगवान मंदिर में भगवान श्री शिवरीनारायण जी का नवीन वस्त्रों से मनमोहक आकर्षक श्रृंगार किया गया भगवान श्री को सोने चांदी के जेवर के साथ विविध फूलो की माला धारण कराकर सुबह महा आरती किया गया। सुबह से देर रात्रि तक श्रद्धालुओ की दर्शन पूजन करने के लिए मंदिर में काफ़ी भीड़ लगी रही।
महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर भगवान श्री शिवरीनारायण जी और श्री चंद्रचूर्ण महादेव के दर्शन हेतु लाखो श्रद्धालुओ का रेला उमड़ा 6वी 7वी शताब्दी में बना नगर का सबसे पुराना शिव मंदिर श्री चंद्रचूर्ण महादेव जी के मंदिर में सुबह 5बजे से देर रात्रि तक जलाभिषेक के साथ विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कराए गए।
25फरवरी
की देर रात्रि से ही नगर सहित दूसरे प्रदेशों से आए हुए श्रद्धालुओं के साथ ही दूर दूर से आने वाले श्रद्धालुओ के द्वारा नगर की जीवनदायनी नदी चित्रोत्पला गंगा महानदी के त्रिवेणी संगम मे आस्था की पवित्र डुबकी लगाकर पुण्य स्नान किया गया तपश्चात महानदी का पवित्र जल लेकर भगवान श्री चंद्रचूर्ण महादेव जी का जलाभिषेक किया गया। श्रद्धालु भगवान भूतभावन के एक झलक पाने के लिए घंटो लाइन में लगकर अपनी पारी का इंतजार करते रहे। श्री चंद्रचूर्ण महादेव मंदिर में श्रद्धालुओ और पुरोहितों के द्वारा जलाभिषेक किया गया। दूध, दही, शहद और पंचामृत से वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य अभिषेक किया गया।पुष्प, और सवा लाख बेलपत्र चढ़ाकर पूजन अर्चना किया गया।जाप, हवन,रूद्राभिषेक, रुद्राष्टक तथा धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कराए गए। श्री चंद्रचूड़ महादेव जी के ऊपर फूलेरा लगाया गया। मंदिर के गर्भगृह को फूलो से सजाया गया। श्री चंद्रचूड़ महादेव मंदिर को विद्युत झालरों से आकर्षक सजावट किया गया। ॐ नमः शिवाय, भोलेबाबा की जय, हर हर महादेव के जयघोष से पूरा मंदिर परिसर गुंजायमान रहा। भीड़ अधिक होने के कारण घंटों लाइन में लगकर श्रद्धालुओ ने भगवान श्री चंद्रचूर्ण महादेव जी का दर्शन पूजन किया।
श्री शिवरीनारायण भगवान मंदिर के मुख्य पुजारी पं. हरीश तिवारी भोगहा ने बताया कि छत्तीसगढ़ के ज्योतिलिंग के रूप में विख्यात श्री चंद्रचूर्ण महादेव जी का पुरातन मंदिर 6वी7वी शताब्दी का बना हुआ है मंदिर में स्थपित शिवलिंग स्वयंभू शिवलिंग है और जागृत अवस्था में है मंदिर में शिवलिंग के समीप पूजा अर्चना करने से इच्छित मनोकामनाओं की पूर्ति होती है इसीलिए श्रावण माह में पूरे एक माह तक तथा महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान श्री चंद्रचूर्ण महादेव जी के पूजन और जलभिषेक के लिए छत्तीसगढ़ प्रदेश के साथ ही दूसरे प्रदेशों से भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में शिवरीनारायण आकर
भगवान श्री चंद्रचूर्ण महादेव जी का दर्शन पूजन करते हैं। मंदिर के गर्भगृह में भगवान श्री शंकर जी का पूरा परिवार विराजमान हैं दक्षिण की और श्री गणेश जी और भगवान कार्तिकेय जी की नयनाभिराम मूर्ति है, उत्तर दिशा में माता जी की मूर्ति और भगवान नरसिंग जी की मूर्ति है। शिवलिंग की पूजा अर्चना करते राजा और रानी हाथ जोड़े पद्मासन मुद्रा में विराजमान हैं।चंद्रचूर्ण महादेव शिवलिंग के सामने विशालकय नंदी जी की प्रतिमा है। नंदी की मूर्ति के समीप ही एक सन्यासी की मूर्ति है। मंदिर के बाहरी दीवाल पर पाली भाषा में लिखा हुआ एक शिलालेख अंकित है।शिलालेख में राजा पृथ्वी देव के भाई सहदेव, उनके पुत्र राजदेव पौत्र गोपालदेव और प्रपौत्र अमानदेव के पुण्य कर्मो का उल्लेख किया गया है। चंद्रचूर्ण महादेव मंदिर में श्रावण माह,
महाशिवरात्री पर्व और हर
माह में पड़ने वाले प्रदोष व्रत पर भी विशेष पूजन, धार्मिक अनुष्ठान किया जाता है।
पं.हरीश तिवारी ने बताया कि माह के प्रत्येक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि शिवरात्रि कहलाती है और फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि महाशिवरात्रि कहलाती है अर्धरात्रि में चतुर्दशी तिथि हो उसी दिन शिवरात्रि होता है शिवरात्रि तिथि को विधिविधान पूर्वक व्रत और पूजन करना चाहिए।महाशिवरात्रि का व्रत और पूजन करने से साधक के समस्त चिंताओं और दुखो के समन होने के साथ ही समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है तथा भगवान भोलेनाथ की कृपा सदैव बना रहता है। श्री शिवरीनारायण भगवान मंदिर परिसर में स्थित श्री दशावतार महादेव जी का मंदिर,श्री चिंताहरण महादेव जी का मंदिर, शबरी मंदिर के समीप सिद्ध सर्वमनोकामना महादेव मंदिर, मठ मंदिर में स्थपित शिव मंदिर, श्री राम मंदिर स्थित भगवान भोलेनाथ जी का मंदिर, सावघाट स्थित माहेश्वर महादेव जी का मंदिर,बाबा घाट के पास स्थित भूतेश्वरनाथ महादेव जी का मंदिर, मरार मंदिर स्थित महादेव जी, काली मंदिर शबरी सेतु के पास महादेव जी का मंदिर, श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर स्थित महादेव जी के मंदिर के साथ ही नगर के सभी शिव मंदिरों में दर्शन के लिए श्रद्धालुओ की दिनभर भीड़ लगी रही।

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