बरेली में 50 गाड़ियों से पहुंचे उत्तराखंड के 300 पुलिसकर्मी:दीवार फांदकर घर में घुसे; 25 तस्करों को पकड़ा, IPS ने जारी किए VIDEO


बरेली में रात 2 बजे उत्तराखंड के चार IPS के साथ 50 गाड़ियों में पहुंचे 300 पुलिसकर्मी। भागते हुए दीवारें फांदते हुए आसपास के घरों में घुसने लगे। यह किसी फिल्म का सीन नहीं, बल्कि उत्तराखंड पुलिस ड्रग्स माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने पहुंची थी।
पुलिस ने 3 घंटे सर्च ऑपरेशन चलाया। 25 तस्करों को पकड़ा। IPS ने सोमवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रेड के लाइव वीडियो फुटेज जारी किए। पुलिस का कहना है कि ड्रग माफिया उत्तराखंड में हेरोइन और स्मैक सप्लाई करते हैं। वहां पर बड़े पैमाने पर नशे का कारोबार करते हैं। ऐसे लोगों को चिह्नित किया गया। उनकी अरेस्टिंग को लेकर कार्रवाई की गई। सोमवार सुबह 5 बजे तक कार्रवाई चली।

बरेली में ड्रग्स माफियाओं को पकड़ने के लिए उत्तराखंड पुलिस दीवारें फांदकर घर में घुसी।
अब जानिए पूरा घटनाक्रम
ऊधमसिंह नगर के SSP मणि कांत मिश्रा ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। बताया- रविवार रात उनके नेतृत्व में एसपी क्राइम निहारिका तोमर, एसपी सिटी उत्तम सिंह नेगी, एसपी काशीपुर अभय सिंह के साथ करीब 300 पुलिसकर्मियों की टीम 50 गाड़ियों से बरेली पहुंची। यहां फतेहगंज पश्चिमी, अगरास और आसपास के इलाकों में सर्च अभियान चलाया।
टीम में 30 महिला पुलिसकर्मियों के अलावा फोरेंसिक विशेषज्ञ और दंगा नियंत्रण यूनिट भी शामिल थी। जानकारी मिलने पर स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। फिर उत्तराखंड और बरेली पुलिस ने एक साथ मिलकर चिह्नित ड्रग्स माफियाओं के घरों पर दबिश दी।
दरवाजा खटखटाकर लोगों से पूछताछ की। जिन लोगों ने घरों के दरवाजे नहीं खोले। उन घरों में पुलिस दीवार फांदकर घुसी। कार्रवाई में पुलिस ने 25 लोगों को हिरासत में ले लिया। सभी को रुद्रपुर ले गई। जहां सोमवार सुबह 16 लोगों को छोड़ दिया गया।
पुलिस ने देर रात ही आशिफ पुत्र हरीश अहमद निवासी ग्राम अगरास थाना फतेहगंज पश्चिमी पर मुकदमा दर्ज कर लिया।

उत्तराखंड पुलिस की कार्रवाई से क्षेत्र में हड़कंप मचा रहा।
इन ड्रग्स माफियाओं की तलाश में आई थी उत्तराखंड पुलिस
उत्तराखंड पुलिस ने इस ऑपरेशन में कुख्यात ड्रग्स माफिया शाहिद उर्फ कल्लू डॉन, उस्मान, रिफाकत, इशाकत और नन्हे लंगड़ा के घरों पर छापा मारा। मगर ये सभी पुलिस के हाथ नहीं आए। हालांकि, उनके कई सहयोगियों और परिवार के सदस्यों को हिरासत में ले लिया। पकड़े गए संदिग्धों में तस्कर उस्मान का भांजा भी शामिल है।
SSP मणि कांत मिश्रा ने बताया कि ऊधमसिंह नगर में बड़े पैमाने पर नशे कारोबार हो रहा है। इसको लेकर पुलिस अभियान चला रही है। पुलिस ने मोबाइल और मैन्युअल सर्विलांस की मदद ली। पता चला कि माफियाओं में कई लोग यूपी के बरेली के लोग शामिल हैं। यह लोग स्मैक, हेरोइन, अफीम, डोडा, नशीले इंजेक्शन की सप्लाई करते हैं।
पुलिस ने इन सभी लोगों को चिह्नित किया। इसके बाद कार्रवाई की। बताया कि इन माफियाओं की जो लोग शरण दे रहे हैं, उनकी मदद कर रहे हैं। उन लोगों को भी चिह्नित किया गया। उन सभी को अरेस्ट कर जेल भेजा जाएगा।
30 महिला सिपाही भी शामिल एसएसपी ने बताया- ड्रग्स माफियाओं को जब चिह्नित किया गया तो पता चला कि यह लोग जहां रहते हैं। वहां मुस्लिम आबादी है। ऑपरेशन के दौरान कोई दिक्कत न हो, इसके लिए टीम में 10 से अधिक ऐसे पुलिसकर्मी थे। जो मुस्लिम वेशभूषा में थे। ताकि माहौल खराब होने पर वह स्थिति को नियंत्रित कर सकें।
छापेमारी के दौरान महिलाएं विरोध न करें। इसके लिए 30 महिला पुलिसकर्मियों को टीम शामिल किया गया। ताकि वह ऐसे लोगों से सख्ती से निपट सकें। एसएसपी ने बताया- रविवार रात करीब 10 बजे जसपुर, काशीपुर, बाजपुर, गदरपुर, दिनेशपुर, नानकमत्ता, खटीमा, सितारगंज, किच्छा से पुलिस टीम वाहनों से पुलभट्टा थाने पहुंची। रात करीब 12 बजे 300 पुलिसकर्मी पहुंच गए। इसके बाद एसएसपी ने उन्हें ब्रीफ किया। करीब एक घंट बाद टीम बरेली रवाना हो गई।

उत्तराखंड पुलिस करीब 30 गाड़ियों से बरेली पहुंची और सर्च अभियान चलाया।
ड्रग्स सिंडिकेट का केंद्र है फतेहगंज पश्चिमी बरेली का फतेहगंज पश्चिमी क्षेत्र लंबे समय से ड्रग्स सिंडिकेट का केंद्र बना हुआ है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड समेत कई राज्यों में यहां से स्मैक और हेरोइन की सप्लाई की जाती है। इससे पहले भी इस इलाके में कई बार छापेमारी हो चुकी है, लेकिन हर बार नया नेटवर्क सक्रिय हो जाता है।
बरेली SSP बोले- पांच साल में 1,500 को जेल भेजा बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि लोकल पुलिस ने भी ऊधम सिंह नगर पुलिस की मदद की। बरेली पुलिस ने पिछले 5 वर्षों में एनडीपीएस एक्ट के तहत 1,357 मामले दर्ज कर लगभग 1,500 अपराधियों को जेल भेज चुकी है।
थाना फतेहगंज पश्चिमी में 176 मामले दर्ज कर लगभग 200 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। गैंगस्टर एक्ट के तहत 116 करोड़ रुपए की चल एवं अचल संपत्ति जब्त की गई है। अवैध रूप से निर्मित मकानों को ध्वस्त किया गया। इस साल 1 जनवरी से अब तक 51 मामले दर्ज कर 103 अपराधियों को जेल भेजा गया है।