जो उधारी मांगने आएगा, वही हमारी मौत का जिम्मेदार:आगरा में सुसाइड नोट लिखकर ट्रेन के आगे कूदा जूता व्यापारी


आगरा में कर्ज से परेशान जूता व्यापारी ने ट्रेन से कटकर जान दे दी। उनकी स्कूटी की डिक्की में सुसाइड नोट मिला। इसमें लिखा था- मैं कर्ज से बहुत परेशान हो चुका हूं। जो भी घर पर तगादा करने आएगा, मेरी मौत का जिम्मेदार वही होगा।
घटना रविवार दोपहर सिकंदरा के सेक्टर-16 की है। व्यापारी का शव रेलवे लाइन पर मिला। व्यापारी ने कमला नगर मार्केट में अपने भांजे की दुकान पर स्कूटी खड़ी की थी। भांजे से कहा था कि शेविंग कराने जा रहा हूं। मोबाइल भी स्कूटी की डिक्की में रख दिया था। काफी तलाश करने के बाद भी जब कहीं पता नहीं चला तो परिजनों ने थाने में तहरीर दी।

सिकंदरा थाना क्षेत्र के सेक्टर-16 में रेलवे ट्रैक पर घनश्याम दास तनवानी की लाश मिली।
जानिए पूरा घटनाक्रम
कमलानगर के तेजनगर निवासी घनश्याम दास तनवानी (55) की हींग मंडी में जीएस ट्रेडर्स के नाम से जूतों की दुकान है। रविवार को घनश्यामदास अपने भांजे रोहित की कमला नगर मार्केट में केक एंड ब्रेकर्स की दुकान पर पहुंचे। वहां अपनी स्कूटी खड़ी कर दी।
रोहित ने बताया कि मामा ने कहा कि शेविंग कराने जा रहे हैं। 3-4 घंटे बाद भी जब वह नहीं आए तो मुझे चिंता हुई। मैंने फोन मिलाया तो नहीं उठा। इसके बाद मैंने उनके घर पर पता किया। घरवालों ने बताया कि यहां नहीं आए हैं। काफी ढूंढने पर भी नहीं मिले तो उनके परिजन कमलानगर थाने पहुंचे। पुलिस को गुमशुदगी लिखकर दी।
इसी बीच, सिकंदरा से पुलिस के पास किसी ने फोन किया। बताया कि रेलवे लाइन पर एक शव पड़ा है। भांजे रोहित के साथ पुलिस वहां पहुंची। रोहित ने शव की पहचान घनश्याम दास तनवानी के रूप में की। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने स्कूटी की डिग्गी खोली तो उसमें सुसाइड नोट और उनका मोबाइल मिला।
अब पढ़िए पूरा सुसाइड नोट

यह व्यापारी का सुसाइड नोट है।
मैं अपनी जीवनलीला समाप्त कर रहा हूं, क्योंकि मैं बहुत परेशान हो चुका हूं। व्यापार में बहुत नुकसान हो गया है। काफी रकम व्यापारियों के पास डूब गई है, उसका ब्याज भरना पड़ रहा है। पिछले दो-तीन साल से पेमेंट भी काफी लेट आ रही है, उसका भी ब्याज भरना पड़ रहा है। इससे तकलीफ बहुत बढ़ गई है।
सोचा था व्यापार में सुधार होगा तो स्थिति सही हो जाएगी। मगर दिन पर दिन व्यापार कम होता जा रहा है। जिनका पैसा है, उसमें कुछ पर्ची वालों का पेमेंट वापसी का भी दबाव हो रहा है। ऐसे में रकम वापसी करना या ब्याज भरना भी समझ नहीं पा रहा हूं। इसलिए यह कदम उठाना पड़ रहा है।
मैंने पर्ची वाले फाइनेंसर को बहुत ब्याज दिए हैं। डियर, अब सारी जिम्मेदारी आपको संभालनी है। अपने आप को मजबूत करना, क्योंकि बेटा शुभम अभी अपरिपक्व है, उसका भी आपको ध्यान रखना है। कोई भी पर्ची वाला और फाइनेंसर मेरे परिवार या मेरे बेटे को पेमेंट के लिए परेशान करे तो वह ही मेरी मौत का जिम्मेदार होगा।
आखिरी में घनश्याम ने चार लोगों के नाम लिखे, उनसे रिक्वेस्ट की कि आप सब मिलकर ध्यान रखना कि शुभम को कोई परेशानी न हो। हर तरह से उसका सहयोग करना। आखिरी मैं सबसे क्षमा मांगता हूं।