पंजाब पुलिस का किसानों के साथ टकराव:जमीन खाली कराने के विरोध पर लाठीचार्ज; बोली- मुआवजा मिलने के बाद भी खेती कर रहे थे


दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर पंजाब के गुरदासपुर में आज किसानों और पुलिस के बीच टकराव हो गया। इसमें 7 किसानों के घायल हो गए। पुलिस की मदद से जिला प्रशासन की टीम किसानों से जमीन खाली कराने पहुंची थी।
इस दौरान पुलिस ने किसानों की खड़ी फसल पर मशीन चला दी, जिससे उनकी फसल बर्बाद हो गई। अपनी फसलों को बचाने के लिए आए किसानों की पुलिस के साथ धक्कामुक्की हुई। बाद में पुलिस ने लाठीचार्ज कर किसानों को मौके से खदेड़ दिया। हालांकि, बाद में प्रशासन की टीम को लौटना पड़ा।
किसानों का आरोप है सरकार से उन्हें जमीनों का उचित मुआवजा नहीं मिला है। इसलिए, वे अपनी जमीनों पर खेती कर रहे हैं। जबकि, जिला प्रशासन के अधिकारी कहते हैं कि किसानों को जमीनों का मुआवजा मिल गया है, तो ये जमीनें अब सरकार की हैं। इन पर किसानों को खेती का हक नहीं है।
पुलिस से किसानों के टकराव के 2 PHOTOS…

फसल की बर्बादी को रोकने पहुंचे किसानों को पुलिस ने धक्के देकर भगाया।

मौके पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को पुलिस ने खदेड़ दिया। इसके बाद भी काफी किसान मौके पर डटे हुए हैं।
पंधेर बोले- बैठक कर रणनीति बना रहे घटना के बाद किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बयान जारी कर कहा है कि गुरदासपुर के नंगल चौड़ और भरथ में किसानों को मुआवजा दिए बिना जमीन हथियाने की कोशिश की गई है। जब किसानों ने उसका विरोध किया तो पुलिस ने लाठीचार्ज किया गया, जिसमें 7 किसान जख्मी हो गए हैं।
पंधेर ने कहा कि घायलों को अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। इनमें परमिंदर सिंह चीमा, अजायब सिंह, गुरमुख सिंह, हरजीत सिंह, अजीत सिंह, निशान सिंह भिट्टेविड और अजीत सिंह शामिल हैं। किसान इस घटना के बाद बैठक कर रहे हैं। जल्द आगे की रणनीति बनाई जाएगी।

खेतों में खड़ी हरी फसल को काटती प्रशासन की मशीन।
किसान बोले- जबरदस्ती नहीं करने देंगे जानकारी के अनुसार, आज सुबह गुरदासपुर के नंगल चौड़ और भरथ में जिला प्रशासन की टीम पुलिस की मदद से जमीनें खाली कराने पहुंची थी। प्रशासन की टीम के पहुंचने का पता चलते ही किसान मौके पर पहुंच गए। इनमें महिलाएं भी शामिल थीं।
किसानों ने टीम को रोकने की कोशिश की और कहा की धक्के (जबरदस्ती) फसलें नहीं उजाड़ने देंगे। लाठियां लेकर पहुंचीं महिलाओं ने फसल पर चल रही मशीन को रोकने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने किसानों को रोक लिया। पुलिस फोर्स के पहुंचने के बावजूद किसान डटे रहे।

खड़ी फसल को काटने का विरोध करने मौके पर पहुंचे किसान। किसानों ने दौड़कर मशीन को रोकने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया।
मशीन के आगे लेटे किसान, कई की पगड़ी उतरी प्रशासनिक कार्रवाई के दौरान कई किसान फसल पर चल रही मशीन के आगे लेट गए। इस दौरान पुलिस उन्हें धक्का देकर हटाती दिखी। धक्का लगने से कुछ किसान गिर गए, जिससे उनकी पगड़ियां उतर गईं। वे अपनी पगड़ियां और हाथ में किसान यूनियन के झंडे संभालते नजर आए।
केंद्र सरकार से मिल गई है पंजाब सरकार गेहूं की खड़ी फसल पर मशीन चलाने से गुस्से में आए किसानों ने पंजाब की AAP सरकार को केंद्र से मिला हुआ बताया। कहा कि आज सभी लोग लाइव देख रहे हैं कि किस तरह से पंजाब सरकार किसानों की खड़ी फसलों को रौंद रही है, वह भी बिना मुआवजा दिए। इससे पता चलता है कि पंजाब की AAP सरकार केंद्र सरकार से मिल गई है।
किसान नेताओं ने आरोप लगाया है कि प्रशासनिक अधिकारियों के उनकी बातचीत चल रही थी। हर बैठक में विश्वास दिलाया गया था कि जब तक पूरा मुआवजा नहीं दिया जाता, जमीन पर कब्जा नहीं लिया जाएगा। इसके बाद भी आज अचानक से प्रशासन की टीम आई और जमीनों पर कब्जा किया।

SDM की गाड़ी को घेरकर उसका दरवाजा खोलने की कोशिश करते किसान।
किसानों ने रोकी SDM की कार विवाद के बाद अधिकारियों की गाड़ियां मौके से रवाना करवाई गईं। पुलिस ने चौतरफा सुरक्षा घेरा बनाकर गाड़ी को रवाना किया। इस दौरान किसान SDM की कार देखकर भड़क गए। उन्होंने SDM की गाड़ी को घेरा और अधिकारी को बाहर निकालने की कोशिश की। हालांकि, पुलिस ने मशक्कत कर गाड़ी को मौके से रवाना किया।
विवाद में अब तक ये 3 घटनाएं हुईं…
1. भूमि अधिग्रहण में कठिनाई पंजाब के पटियाला, संगरूर, पठानकोट, मलेरकोटला, जालंधर, कपूरथला, अमृतसर और तरनतारन में भूमि अधिग्रहण के दौरान किसानों ने विरोध प्रदर्शन किए हैं। कई स्थानों पर मुआवजा मिलने के बाद भी भूमि अधिग्रहण के खिलाफ प्रदर्शन जारी रहे। इसके चलते पुलिस और किसानों के बीच विवाद हुए।
2. ठेकेदारों, कर्मचारियों पर हमले हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसक घटनाएं हुई हैं, जिनमें NHAI अधिकारियों, ठेकेदारों और उनके कर्मचारियों पर हमले शामिल हैं। इन घटनाओं के कारण परियोजना के ठेकेदारों ने अपने अनुबंध समाप्त कर दिए।
3. केंद्र का हस्तक्षेप बीते साल केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर कानून-व्यवस्था में सुधार न होने पर परियोजना रद्द करने की चेतावनी दी थी। उन्होंने NHAI अधिकारियों और कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की थी।
पंजाब के लिए महत्वपूर्ण है यह प्रोजेक्ट यह एक्सप्रेसवे दिल्ली से कटरा (जम्मू) तक की दूरी को मौजूदा 727 किलोमीटर से घटाकर 588 किलोमीटर कर देगा, जिससे यात्रा का समय 14 घंटे से घटकर लगभग 6 घंटे रह जाएगा। दिल्ली से अमृतसर की यात्रा का समय भी 8 घंटे से घटकर 4 घंटे हो जाएगा। इसलिए, यह प्रोजेक्ट पंजाब के लिए महत्वपूर्ण है।