कलेक्टर के आदेश में हो रही मनमानी, कई जगह से नहीं हटे झटका तार

सिंगरौली। जिले में प्रशासनिक आदेशों की अनदेखी और लापरवाही का एक और मामला सामने आया है। सिंगरौली जिला मुख्यालय से कुछ ही किलोमीटर दूर स्थित सितूल खुर्द गांव में सड़क किनारे झटका तारों का जाल बिछा हुआ है, जो राहगीरों और स्थानीय निवासियों के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है। खासकर रात के समय ये तार और भी ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं, जिससे बड़ी दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। गांव के लोगों का कहना है कि झटका तार जिस प्रकार से सड़क किनारे लगाए गए हैं, उससे आसपास रहने वाले लोगों की सुरक्षा खतरे में है। महज 10 कदम की दूरी पर घर और छोटे बच्चे खेलने के लिए बाहर आते हैं, जिससे किसी भी समय अनहोनी हो सकती है। स्थानीय निवासी ने सरपंच सचिव पटवारी से मौखिक रूप से बार-बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन उनकी गुहार अनसुनी कर दी गई। गांव के एक बुजुर्ग श्री पांडे जी कहते हैं, की “हमारे बच्चे उसी सड़क पर खेलते हैं, जहां ये झटका तार लगे हैं। कई बार मवेशी और जानवर इसकी चपेट में आ चुके हैं, अगर कोई बच्चा चपेट में आ गया तो कौन जिम्मेदार होगा?”
जिम्मेदारों की लापरवाही
इस मामले में जिम्मेदार अधिकारी केवल खाना पूर्ति करने में व्यस्त नजर आ रहे हैं। शिकायतों के बावजूद न तो किसी तरह की कार्रवाई की गई और न ही इन तारों को हटाने की कोई योजना बनाई गई है। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह पूरा मामला सितूल खुर्द पंचायत के पीछे, श्री पांडे जी के घर के पास का है। झटका तारों को वहां क्यों और किसके द्वारा लगाया गया है, इस पर भी कोई स्पष्टता नहीं है। जिला प्रशासन के निर्देशों के अनुसार सार्वजनिक स्थानों और रिहायशी इलाकों में झटका तार लगाना गैर-कानूनी और खतरनाक है। लेकिन सितूल खुर्द में इन नियमों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।
स्थानीय ग्रामीणों ने जल्द हटाए झटका तार
स्थानीय ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और कलेक्टर से मांग की है कि जल्द से जल्द इन झटका तारों को हटाया जाए और इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो यह तार किसी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं। प्रशासन को चाहिए कि वह तुरंत हरकत में आए और आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करे।