कमिश्नर ने गठित की तीन सदस्यीय जांच कमेटी:मैथोडिस्ट गर्ल्स इंटर कॉलेज के प्ले ग्राउंड की जमीन पर भूमाफियाओं ने किया कब्जा

बरेली के मैथोडिस्ट गर्ल्स इंटर कॉलेज की जमीन बेचने के मामले में कमिश्नर सौम्या अग्रवाल ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है। जो मामले की जांच कर रिपोर्ट कमिश्नर को सौंपेगी। डीआईओएस अजीत कुमार सिंह ने बताया कि इस प्रकरण की पूर्व में जांच हो चुकी है, लेकिन अब दोबारा से मामले की जांच के लिए कमिश्नर सौम्या अग्रवाल द्वारा करवाई जा रही है। जांच कमेटी जैसे ही हमें रिपोर्ट देगी हम फौरन कमिश्नर को सौंप देंगे।

डीआईओएस अजीत कुमार सिंह
करोड़ो की जमीन कौड़ियों के भाव में खरीदी
बरेली के चौकी चौराहा के पास शहर कोतवाली थाना क्षेत्र के सिविल लाइंस में स्थित मैथोडिस्ट गर्ल्स इंटर कॉलेज बरेली की धरोहर से कम नहीं है। लेकिन भूमाफियाओं की नजर अब इस जमीन पर पड़ गई है। भूमाफियाओं ने कालेज के प्ले ग्राउंड के 22 सौ वर्ग गज पर कब्जा कर लिया है। जिससे कालेज में पढ़ने आने वाली बच्चियों का प्ले ग्राउंड उनसे छिन गया है।
दरअसल भूमाफिया सुमित भारद्वाज ने अपनी पहुंच के दम पर इस जमीन को अपने अन्य माफिया साथियों के साथ मिलकर हड़पने का प्लान बनाया, जिसमें वो काफी हद तक सफल भी हो गया है। लेकिन अब उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हो सकता है। क्योंकि उसने मिशनरी की जमीन कूटरचित दस्तावेजों के जरिए कब्जाने का प्रयास किया है।
आइए जानते है कि पूरा मामला है

महेश पांडे, शिकायतकर्ता
बरेली में भूमाफियाओं ने मैथोडिस्ट गर्ल्स इंटर कॉलेज के खेल मैदान पर अवैध कब्जा कर करोड़ों की जमीन बेच दी गई। चारदीवारी खड़ी कर कब्जा पक्का कर दिया गया। समाजसेवी और कानून के जानकार महेश पांडे ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक शिकायत पहुंचाई।
मैथोडिस्ट गर्ल्स इंटर कॉलेज के खेल मैदान पर अवैध कब्जा
सिविल लाइंस इलाके में स्थित मैथोडिस्ट गर्ल्स इंटर कॉलेज के खेल मैदान पर भूमाफियाओं की ओर से कब्जा करने का मामला सामने आया है। यह मामला इसलिए भी गंभीर है क्योंकि यह जमीन 1871 में रामपुर के नवाब द्वारा डॉ. क्लैरा स्वैन को जनसेवा के लिए दान में दी गई थी।

मैथोडिस्ट गर्ल्स इंटर कॉलेज का प्ले ग्राउंड
उस समय यह जमीन अमेरिकन न्यू वेस्ट मिशन (अब मैथोडिस्ट चर्च इन इंडिया) के नाम पर दर्ज थी। वर्षों से यह जमीन शैक्षणिक और सामाजिक कार्यों के लिए उपयोग की जाती रही है। लेकिन अब, राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण में भूमाफियाओं ने इस पर कब्जा जमा लिया है।
कैसे हुआ जमीन पर कब्जा?
मैथोडिस्ट गर्ल्स इंटर कॉलेज के खेल मैदान को भूमाफियाओं ने अवैध रूप से बेच दिया। इसके बाद पुलिस की मौजूदगी में चारों ओर बाउंड्री वॉल खड़ी कर दी गई, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि स्थानीय प्रशासन भी इस खेल में शामिल हो सकता है। जब इस अवैध कब्जे की शिकायत प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की गई, तब शासन ने जांच के आदेश दिए।
शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई क्यों नहीं?
इस मामले की शिकायत महेश पांडे ने 17 फरवरी 2024 को की थी। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। जब दोबारा 15 दिसंबर 2024 को लिखित शिकायत दी गई, तब जाकर एडीएम सिटी को जांच का जिम्मा सौंपा गया। परंतु अब तक जांच में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
महेश पांडे ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि भूमाफियाओं ने स्थानीय पुलिस प्रशासन के साथ मिलीभगत कर झूठे दस्तावेज तैयार कर इस जमीन को खुर्द-बुर्द कर दिया।
क्या कहता है सरकारी रिकॉर्ड?
सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, 1871 में नवाब रामपुर द्वारा दी गई यह जमीन धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए थी, जिसमें एक चिकित्सालय और शैक्षणिक संस्थान शामिल थे। राजस्व अभिलेखों में यह जमीन अमेरिकन न्यू वेस्ट मिशन के नाम दर्ज थी, लेकिन बाद में इसे मैथोडिस्ट चर्च इन इंडिया के नाम से जाना गया। 2021 में कुछ विवादित आदेशों के तहत यह जमीन एजी एग्जीक्यूटिव बोर्ड, मैथोडिस्ट चर्च इन इंडिया, मुंबई के नाम दर्ज कर दी गई।
कैसे बदला खेल मैदान का स्वरूप?
2009 में मैथोडिस्ट गर्ल्स इंटर कॉलेज का संचालन करने वाली संस्था ने एक जॉइंट वेंचर एग्रीमेंट किया, जिसमें 30 एकड़ जमीन का उपयोग मेडिकल कॉलेज और अन्य संस्थानों के लिए किया जाना था। इस एग्रीमेंट में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि “गर्ल्स स्कूल कैंपस” को इस योजना से अलग रखा जाएगा। लेकिन 2022 में भूमाफियाओं ने इस एग्रीमेंट की अनदेखी कर खेल मैदान को “अनयूज्ड लैंड” बताकर इसे लीज पर दे दिया। लीज डीड के अनुसार, 610 वर्ग मीटर जमीन को अवैध रूप से “शॉपिंग कॉम्प्लेक्स” बनाने के लिए दे दिया गया।
शिक्षा विभाग की अनदेखी और डीआईओएस का बयान
डीआईओएस का कहना है कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। यह बयान संदेहास्पद है क्योंकि शिक्षा विभाग को स्कूल से संबंधित किसी भी लीज पर अनुमति देनी होती है। 1921 के यूपी एजुकेशन एक्ट और 1974 के अधिनियम के तहत स्कूल परिसरों की संपत्ति बिना निदेशक की अनुमति के बेची या लीज पर नहीं दी जा सकती।
अवैध लीज डीड और उसमें शामिल लोग
4 मार्च 2022 को मैथोडिस्ट चर्च इन इंडिया के कथित पदाधिकारी न्यूटन परमार ने 610 वर्ग मीटर भूमि को क्षितिज इंटरप्राइजेज के नाम पर लीज पर दे दिया। इस कंपनी के साझेदार हरिश अरोड़ा, सुमित भारद्वाज और अन्य भूमाफियाओं ने तुरंत चारदीवारी बनाकर इस पर कब्जा कर लिया। यह लीज यूपी सरकार के आदेश 623/पाठ-9-2023 का सीधा उल्लंघन है, जिसके तहत किसी भी स्कूल की जमीन को बिना सरकारी समिति के अनुमोदन के लीज पर नहीं दिया जा सकता।
जांच में देरी और प्रशासनिक मिलीभगत
इस मामले की जांच के लिए कोई विशेष समिति नहीं बनाई गई, और न ही प्रशासन ने स्कूल प्रशासन की शिकायतों को गंभीरता से लिया। 2019 में क्षेत्रीय शिक्षा सचिव को एक मनगढ़ंत नक्शा सौंपा गया, जिसमें खेल मैदान के एक बड़े हिस्से को “अनयूज्ड लैंड” घोषित कर दिया गया। इसी नक्शे के आधार पर 2022 में लीज डीड की गई। जब यह मामला उठा तो स्थानीय प्रशासन ने भी इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
मुख्य आरोपी और उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे
इस मामले के मास्टरमाइंड सुनील मसीह को बताया जा रहा है, जो मैथोडिस्ट चर्च इन इंडिया का क्षेत्रीय कार्यकारी सचिव है। इनके खिलाफ पहले से ही कई मामले दर्ज हैं, जिनमें 420, 467, 468, 471 जैसी गंभीर धाराओं के तहत केस शामिल हैं। इसके अलावा, जगमोहन सिंह, हरिश अरोड़ा, सुमित भारद्वाज और अन्य भूमाफियाओं ने भी इस जमीन को खुर्द-बुर्द करने में अहम भूमिका निभाई है।
छात्राओं और अभिभावकों की बढ़ती चिंता
मैथोडिस्ट गर्ल्स इंटर कॉलेज की छात्राओं और उनके अभिभावकों के बीच इस मामले को लेकर गहरी चिंता है। खेल मैदान पर कब्जे के कारण छात्राओं के लिए खेल-कूद की गतिविधियां बाधित हो गई हैं।

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