अखिलेश के करीबी वासुदेव यादव प्रयागराज में अरेस्ट:कमाई से ज्यादा संपत्ति जुटाई, यूपी बोर्ड के सचिव रहे हैं
वाराणसी पुलिस ने सपा के पूर्व MLC वासुदेव यादव को प्रयागराज से गिरफ्तार किया। उनपर आय से अधिक संपत्ति का केस चल रहा है। कई बार नोटिस के बावजूद कोर्ट में हाजिर नहीं हुए, तो गैर जमानती वारंट जारी हुआ।
पुलिस ने मंगलवार को जार्जटाउन स्थित उनके आवास से पकड़ा है। वासुदेव यादव अखिलेश यादव के करीबी रहे हैं। सपा सरकार में उन्हें माध्यमिक शिक्षा निदेशक बनाया गया था।

ये तस्वीर वासुदेव यादव की है, जब वो उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव थे।
आरोप है कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक बनने के बाद वासुदेव यादव ने 1.87 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति अर्जित की। प्रयागराज विजिलेंस विभाग ने केस दर्ज किया था। उनके खिलाफ जांच करके आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किए गए।
सरकारी वकील की तरफ से मामले की पैरवी की गई। अब आरोपी वासुदेव की तरफ से अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की गई। सरकारी वकील ने इसका विरोध किया है। तर्क दिया है कि आरोपी प्रभावशाली है। वह केस को कमजोर कर सकता है।

2022 की तस्वीर है जब वासुदेव यादव कलेक्ट्रेट में सपा से एमएलसी के लिए नामांकन करने पहुंचे थे।
सपा सरकार में चलता था दबदबा समाजवादी पार्टी सरकार में वासुदेव यादव का काफी रसूख रहा है। कहा जाता है कि पार्टी के बड़े बड़े नेताओं में सीधी दखल रखते थे। विभाग और शासन के उच्च अधिकारी भी इनसे दबते थे। इसी रसूख का नतीजा था कि 5 मार्च 2012 में समाजवादी पार्टी के विधानसभा चुनाव जीतने और 15 मार्च 2012 को अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री बनने के चंद दिनों बाद ही इन्हें माध्यमिक शिक्षा निदेशक पद की जिम्मेदारी सौंप दी गई थी।
2014 में आरोप लगे इलाहाबाद हाईकोर्ट में सन 2014 में वासुदेव के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की गई। पत्नी और बच्चों के नाम पर करोड़ों की लागत से शिक्षण संस्थाएं खोलने और संपत्ति खरीदने के आरोप लगाए गए। दो करोड़ से अधिक की संपत्ति सिर्फ प्रयागराज के फूलपुर तहसील में बताई गई। इसके अलावा सोरांव, हडिया तथा सदर तहसील में भी संपत्ति होने की शिकायत की गई।
वहीं, वाराणसी एमपी/ एमएलए कोर्ट के जज यजुवेंद्र विक्रम सिंह के सामने वासुदेव को पुलिस ने पेश किया। यहां से उनको 14 दिन की न्यायिक रिमांड में भेज दिया गया है।