वाराणसी के सामूहिक-हत्याकांड के आरोपी की पुलिस को मिली रिमांड:10 घंटे की कस्टडी रिमांड पर भतीजे से होगी पूछताछ, हथियार बरामदगी का प्रयास
वाराणसी में शराब कारोबारी चाचा-चाची, 2 भाई और बहन का हत्यारा अब पुलिस रिमांड पर आएगा। भदैनी हत्याकांड के आरोपी विशाल कुमार गुप्ता उर्फ विक्की की रिमांड पुलिस को मिल गई है। सीजेएम मनीष कुमार-II की अदालत ने उसे 10 घंटे की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर कर ली।
बुधवार सुबह आठ बजे उसे जिला कारागार से पुलिस अभिरक्षा में लिया जाएगा। भेलूपुर इंस्पेक्टर विजय नारायण मिश्र बुधवार की सुबह से लेकर शाम छह बजे विक्की को कस्टडी में रखेंगे। उससे पूछताछ करेंगे, वारदात की जगह पर ले जाएंगे। उससे पूरे घटनाक्रम का सीन रीक्रिएट कराएंगे। इसके बाद देर शाम उसको वापस जिला जेल में दाखिल करेंगे।
वारदात में प्रयुक्त की गई .32 बोर की देसी पिस्टल पुलिस विक्की से बरामद नहीं करा सकी थी। असलहे बरामद कराने के लिए अदालत की अनुमति से पुलिस ने विक्की को कस्टडी रिमांड पर लिया है। इसके साथ ही उससे यह भी पूछताछ की जाएगी कि वारदात में उसका सहयोग किसी अन्य ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से तो नहीं किया। जेल से लेने और वापस दाखिल के दौरान विक्की का मेडिकल मुआयना कराया जाएगा।

पहले एक नजर में जानिए पूरी घटना
भदैनी पावर हाउस के सामने की गली में कारोबारी राजेंद्र गुप्ता का 5 मंजिला मकान है। इसी घर में 5 नवंबर की दोपहर राजेंद्र गुप्ता की पत्नी नीतू गुप्ता (42), बेटे नवनेंद्र (25), सुबेंद्र (15) और बेटी गौरांगी (16) की लाश मिली। सभी की गोली मारकर हत्या की गई थी।
पुलिस ने राजेंद्र गुप्ता (45) का फोन ट्रेस किया। इसकी लोकेशन रोहनिया के मीरापुर रामपुर गांव में मिली। पुलिस वहां पहुंची तो निर्माणाधीन मकान में बिस्तर पर राजेंद्र गुप्ता की न्यूड लाश मिली थी। उन्हें 3 गोलियां मारी गई थीं।
.32 बोर तमंचे से पांचों की हत्या
दोनों ही घटनास्थल से मिले खोखे के आधार पर पुलिस ने दावा किया कि पांचों हत्या में .32 बोर की पिस्टल का इस्तेमाल किया गया। पुलिस ने पुराने विवाद और घटनाओं को ध्यान में रखकर जांच की। सामने आया कि राजेंद्र अपने पिता, छोटे भाई कृष्ण गुप्ता, उसकी पत्नी और चौकीदार की हत्या में जेल गया था।
पुलिस का शक कृष्ण गुप्ता के बेटे विशाल उर्फ विक्की और प्रशांत गुप्ता पर गया। विक्की फरार था। जबकि प्रशांत वाराणसी में ही था। पुलिस ने विक्की की कॉल डिटेल खंगाली। जिसमें विक्की और उसके बहनोई के बीच लगातार बातचीत के सबूत मिले।
विक्की जहां जॉब करता था, वही पर एक कैंटीन में खाना खाता था। कैंटीन के एक कर्मचारी से एक दिन उसने पूछा कि असलहा कहां मिलेगा? तब उसको बिहार के एक शख्स का मोबाइल नंबर मिला। बात करने के बाद दिसंबर, 2022 को विक्की बिहार गया, वहां से उसने 2 देसी तमंचा खरीदे।
बिहार से वाराणसी आया, यहां अपने कमरे में उसने दोनों पिस्टल छिपा दीं। इसके बारे में प्रशांत को बता दिया था। फिर वह दिल्ली में अपनी बहन के पास चला गया। वहां कुछ दिन रहने के बाद वह बेंगलुरु में अपनी जॉब पर लौट गया।
4/5 नवंबर की रात हत्या की
इसके बाद तय हुआ कि दीवाली पर सगे चाचा राजेंद्र गुप्ता को मार डालेंगे। प्लानिंग के तहत 25 अक्टूबर को विक्की वाराणसी आ गया। वह परिवार के लोगों से मिला भी। दादी से बातों ही बातों में कहा कि चाचा को मार डालेंगे। यहां वह परिवार के लोगों की लोकेशन और सोने की जगह को भी देखता रहा।
वह उसी मकान में रहता रहा। इसके बाद 4 नवंबर की रात को वह सबसे पहले रोहनिया के मीरापुर रामपुर गांव में पहुंचा। यहां चाचा राजेंद्र अपना मकान बनवा रहे थे। वही पर सोते भी थे। यहां उसने राजेंद्र को 2 गोली मारी। एक सिर और दूसरी सीने पर लगी। इसके बाद तो जैसे उसके सिर पर खून सवार हो गया।
वह भदैनी इलाके के अपने पुस्तैनी मकान में पहुंचा। यहां राजेंद्र गुप्ता की पत्नी नीतू गुप्ता (42), दो बेटे नवनेंद्र (25), सुबेंद्र (15) और बेटी गौरांगी (16) अपने कमरे में सो रहे थे। उन्हें भी सोते हुए ही उसने गोली मार दी। इसके बाद वह भाग निकला।