बनास नदी में 5 दोस्त बहे, दो के शव मिले:2 तैरकर निकले, एक युवक अब भी लापता, 25 घंटे से चल रहा SDRF का रेस्क्यू ऑपरेशन


बनास नदी में नाव पलटने से 5 दोस्त बह गए। इनमें से 2 लड़के तैरकर बाहर निकल गए। 3 नदी में लापता हो गए। करीब 25 घंटे तक सर्च ऑपरेशन चलाने के बाद 2 युवकों को शव बरामद कर लिए गए हैं। एक अब भी लापता हैं। सोमवार दोपहर करीब 1 बजे से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। मामला अजमेर के केकड़ी का है।
सोमवार को रात करीब 8:30 बजे अंधेरा होने की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया था। मंगलवार सुबह करीब 7 बजे दोबारा रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। स्थानीय प्रशासन और SDRF की टीम रेस्क्यू में लगी हुई है।
एसडीआरएफ ने मंगलवार (आज) सुबह करीब 10:20 बजे कालूराम मीणा (16) और दोपहर करीब 2 बजे संदीप मीणा का भी शव निकाल लिया। वहीं अभी एक लापता युवक राजवीर मीणा का कोई सुराग नहीं मिल पाया है।

पांच में से 2 युवक तैरकर बाहर निकले सावर थाना प्रभारी बनवारी लाल मीणा ने बताया- पांच दोस्त प्रवीण मीणा (30), संदीप मीणा (30), कालूराम मीणा (16), राजवीर मीणा (30) और सांवरा मीणा (28) निवासी नापाखेड़ा, सावर बनास नदी में बोटिंग करने गए थे। सोमवार दोपहर करीब साढ़े बारह बजे अचानक नाव डूब गई।
हादसे के बाद प्रवीण और सांवरा मीणा ने किसी तरह तैरकर अपनी जान बचा ली। राजवीर मीणा अभी भी लापता हैं। कालूराम मीणा और संदीप मीणा की बॉडी निकाल ली गई है।

अजमेर जिले के केकड़ी स्थित बनास नदी में SDRF की टीम बोट से सर्च ऑपरेशन चला रही है।
नदी में चला रहा सर्च ऑपरेशन SDRF की टीम के करीब 10 सदस्य बचाव कार्य में लगे हुए हैं। तैरकर बाहर निकले प्रवीण मीणा ने बताया- हम सभी नाव में बैठे हुए थे। नाव किनारे से कुछ दूरी पर थी, कि अचानक संतुलन बिगड़ने से पलट गई। हम सभी सभी पानी में डूब गए। मैं और सांवरा मीणा तैरकर बाहर निकल आए, जबकि 3 अन्य दोस्त नहीं मिले।

सर्च ऑपरेशन का स्पॉट भी फिक्स नहीं है। टीम इंचार्ज राजेन्द्र ने बताया- वे लगातार कोशिश कर रहे हैं कि जल्द से जल्द इस ऑपरेशन को पूरा कर लिया जाए।
मछुआरों के जाल बन रहे बाधा, अलग-अलग स्थानों से मिले शव एसडीआरएफ टीम इंचार्ज राजेन्द्र ने रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही चुनौतियों की जानकारी दी। राजेन्द्र ने बताया- मछुआरों ने खराब हो चुके जालों को नदी में ही फेंक रखा है।
इस वजह से जब भी एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीम के गोताखोर डाइव कर रहे हैं तो नदी में पड़े जालों से अड़चन आ रही है।
टीम के सदस्य इन जालों में फंस जाते हैं। इसके साथ ही सबसे बड़ी परेशानी यह है कि हादसे की जगह से करीब 100 फीट दूर अलग-अलग दिशाओं में 2 शवों को बरामद किया गया है।

संदीप और कालूराम मीणा के शव को रख कर उनके परिजन नदी किनारे ही बैठे हैं।
दोस्तों ने बोटिंग करने का प्लान बनाया था कालूराम (मृतक) के पिता रमेश मीणा ने बताया- सोमवार को पांचों दोस्तों ने नदी में बोटिंग करने का प्लान बनाया था। दोपहर करीब 12 बजे सभी इकट्ठे हुए और बीसलपुर बांध में मछली पकड़ने वाले ठेकेदार की नाव से नदी में बोटिंग करने लगे। प्रवीण और सांवरा मीणा मछली ठेकेदार के यहां चौकीदारी करते हैं।
ये दोनों तैरना भी जानते हैं। इसलिए नाव डूबने के बाद निकल गए। संदीप, कालूराम और राजवीर मीणा को तैरना नहीं आता था। प्रवीण और सांवरा मीणा ने बाकी तीनों दोस्तों को तलाश करने की कोशिश की। संदीप घर में अकेला कमाने वाला था। उसके माता-पिता की पहले ही मौत हो चुकी है। घर में संदीप की एक बहन बची है। मौत खबर सुनने के बाद उसकी भी तबीयत बिगड़ गई। वो देवली के एक निजी अस्पताल में भर्ती है।