हनुमान जयंती: श्रद्धा, भक्ति और शक्ति का संगमसंवाददाता मकबूल खान
आज, चैत्र माह की पूर्णिमा के पावन अवसर पर, पूरे देश में हनुमान जयंती का उल्लास छाया हुआ है। यह दिन भगवान हनुमान के जन्मोत्सव के रूप में हिन्दू धर्मावलंबियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। देश भर के मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है, जो श्रद्धा और भक्ति के साथ अपने आराध्य की पूजा-अर्चना में लीन हैं।
हनुमान जी, जिन्हें भगवान शिव का रुद्रावतार माना जाता है, शक्ति, सेवा और समर्पण के अद्वितीय प्रतीक हैं। उनकी अटूट भक्ति और पराक्रम की गाथाएं जन-जन के हृदय में बसी हुई हैं। हनुमान जयंती का यह पर्व हमें उन्हीं गुणों को आत्मसात करने की प्रेरणा देता है।
आज के दिन, भक्तजन विशेष रूप से उपवास रखते हैं और हनुमान चालीसा तथा सुंदरकांड जैसे पवित्र ग्रंथों का पाठ करते हैं। मंदिरों को भव्य रूप से सजाया गया है और विशेष पूजा-अर्चना, आरती तथा भजन-कीर्तन के आयोजन किए जा रहे हैं। बरुआ सागर के स्थानीय मंदिरों में भी सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं, जो भगवान हनुमान जी को फल, फूल और अनेक प्रकार के व्यंजन प्रसाद अर्पित कर अपनी श्रद्धा व्यक्त कर रहे हैं।
हनुमान जयंती केवल एक धार्मिक पर्व ही नहीं, बल्कि यह हमें जीवन के महत्वपूर्ण मूल्यों की भी याद दिलाता है। हनुमान जी का निःस्वार्थ सेवाभाव और भगवान राम के प्रति उनका अटूट समर्पण हमें कर्तव्यनिष्ठा और निष्ठा की सीख देता है। उनका अदम्य साहस और आत्मबल हमें विपरीत परिस्थितियों में भी हार न मानने और अपने लक्ष्यों की ओर दृढ़ता से बढ़ने की प्रेरणा देता है।
यह पर्व हमें यह भी संदेश देता है कि सच्ची भक्ति और अटूट विश्वास के बल पर हर संकट को दूर किया जा सकता है। हनुमान जी की कृपा से भक्तों को शक्ति, बुद्धि और आरोग्य की प्राप्ति होती है।
आज के इस पावन दिन पर, आइए हम सब मिलकर भगवान हनुमान के आदर्शों को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लें। उनकी सेवा भावना, समर्पण और अटूट भक्ति को अपनाकर हम न केवल अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं, बल्कि समाज में भी सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। हनुमान जयंती हमें याद दिलाती है कि शक्ति का सदुपयोग सेवा और परोपकार के लिए होना चाहिए।
तालरन्ना में भी हनुमान जयंती का उत्साह देखते ही बन रहा है। मंदिरों के आसपास मेले जैसा माहौल है और हर तरफ भक्तिमय संगीत की ध्वनि गूंज रही है। यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह सामुदायिक एकता और सद्भाव का भी उत्सव है।
अंततः, हनुमान जयंती हमें सेवा, समर्पण और आत्मबल की प्रेरणा देती है। यह पर्व हमें सिखाता है कि सच्ची भक्ति से हर संकट को दूर किया जा सकता है और जीवन में सफलता प्राप्त की जा सकती है। आज के इस पवित्र दिन पर, हम सभी भगवान हनुमान से शक्ति और प्रेरणा प्राप्त करें और अपने जीवन को धर्म और सेवा के मार्ग पर अग्रसर करें।

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