डिप्टी सीएम साव के विभागों के लिए 15,386 करोड़ रुपए से अधिक की अनुदान मांगें पारित

साव ने कहा – एक सड़क नहीं बनाने वाले छग को कीचड़ में बदल रहे थे, हम विकास के लिए राजनीति करते हैं
विधानसभा के बजट सत्र के नौवें दिन उपमुख्यमंत्री अरूण साव के विभागों की 15,386 करोड़ 42 लाख 47 हजार रूपए की अनुदान मांगे ध्वनिमत से पारित हुईंं। इस दौरान साव ने विपक्ष के हमलों का करारा जवाब भी दिया। उन्होंने कहा कि पांच साल तक एक भी सड़क नहीं बना पाने वाले भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ को कीचड़ में बदल रहे थे। इसलिए वे लोगों को गेड़ी चढ़ना सिखा रहे थे।
साव ने कहा कि हम विकास के लिए राजनीति करते हैं, विकास में राजनीति नहीं करते। लोक निर्माण से छत्तीसगढ़ निर्माण वाला बजट है। छत्तीसगढ़ की सड़कें सिर्फ सड़क नहीं बल्कि विकास का पहिया है। अपने भाषण के दौरान उपमुख्यमंत्री ने प्रदेश का प्रसिद्ध गीत गाकर कहा “ छत्तीसगढ़ ला छांव करे बर, मै छानी बन जातेंव”। साव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हर घर तक पर्याप्त पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के चुनौतीपूर्ण कार्य को अंजाम देने 2019 से जल जीवन मिशन का काम शुरू किया गया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार ने जल जीवन मिशन को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए पिछली सरकार की त्रुटियों और खामियों को दूर करते हुए कार्यों की गुणवत्ता, गतिशीलता और पूर्णता के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। इसके लिए लापरवाह और कार्य नहीं करने वाले ठेकेदारों और अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की गई है। साव ने पीडब्ल्यूडी के संबंध में कहा कि सड़कें केवल आवागमन के साधन नहीं हैं।
ये विकास की दिशा भी तय करते हैं। राज्य के तीव्र विकास के लिए नई सड़कों का निर्माण तेजी से किए जा रहे हैं। साल 2001 में पीडब्ल्यूडी का बजट मात्र 103 करोड़ 85 लाख रूपए का था, जो 2025-26 के बजट में बढ़कर अब 9,451 करोड़ रूपए पहुंच गया है।
1909 नई सड़कों एवं पुल-पुलियों के लिए 1902 करोड़ रूपए, 168 सड़कों की डामरीकृत सतह के उन्नयन एवं मजबूतीकरण के लिए 917 करोड़ रूपए, दुर्घटनाओं को रोकने महत्वपूर्ण मार्गों के पुलों के चौड़ीकरण एवं सुरक्षा उपाय, मरम्मत कार्य एवं ब्लैक-स्पॉट सुधार कार्याे के लिए 120 करोड़ रूपए, निजी भूमि के मुआवजा भुगतान के लिए 420 करोड़ रूपए तथा 339 पुलों के निर्माण के लिए 1351 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। साव ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 875 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
शहरों के विकास के लिए 2025-26 में 6,044 करोड़ 12 लाख रूपए का बजट प्रावधान किया है। इसी तरह न्यायालय भवनों, आवासीय भवनों और अन्य विकास कार्यों के लिए 240 करोड़ रूपए भी मंजूर किए गए हैं। राज्य की न्यायिक व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए 2025-26 के बजट में हमने 1265 करोड़ 46 लाख 78 हजार रूपए का प्रावधान किया है।
इन विभागों के लिए इतना प्रावधान, सड़कें-पुल के लिए 4664 करोड़ {लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी: 2,793 करोड़ 60 लाख 73 हजार {नगरीय प्रशासन 24 करोड़ 38 लाख 13 हजार {नगरीय कल्याण के लिए 1,715 करोड़ 44 लाख 46 हजार { वित्तीय सहायता हेतु 3,123 करोड़ 45 लाख 83 हजार {लोक निर्माण: सड़कें-पुल के लिए 4,664 करोड़ 8 लाख 56 हजार, भवन के लिए 2,101 करोड़ 99 लाख 36 हजार, विदेशों से सहायता प्राप्त परियोजनाओं के लिए 69.20 करोड़ {न्याय प्रशासन एवं निर्वाचन: 894 करोड़ 45 लाख 20 हजार।
प्रधानमंत्री आवास के मुद्दे पर मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से किया वाकआउट
प्रश्नकाल में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री आवास निर्माण को लेकर सवाल उठाया। जवाब में पंचायत मंत्री विजय शर्मा ने कांग्रेस को घेरा तो विपक्ष के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। सवाल जवाब के बीच ही प्रश्नकाल समाप्त हो गया। प्रश्नकाल समाप्त होते ही विपक्षी सदस्यों ने वाक आउट कर अपना विरोध जताया। भूपेश के सवाल पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि वित्तीय वर्ष के आधार पर जानकारी दी गई है। जब नरेंद्र मोदी की केंद्र में सरकार बनी, 32 लाख 50 हजार प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए गए। छत्तीसगढ़ को 6 लाख आवास दिए गए, विष्णु देव की सरकार में गरीबों को आवास मिला है।
मोदी के तीसरे कार्यकाल में 32 लाख आवास दिए गए हैं। इसमें 16 राज्यों को पीएम आवास देने की जरूरत नहीं पड़ी। आप अपने सरकार के दौरान काम की बात कर रहे हैं लेकिन कितना काम किया गया, यह भी बताना चाहिए था। अभी प्रधानमंत्री मोदी ने छत्तीसगढ़ को 8 लाख आवास दिए हैं। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि सरकार की ओर से मिले जवाब से साफ है कि कांग्रेस सरकार के समय आवास बने, मगर सत्ता पक्ष इसे नकार देता है।
शहीद पाण्डेय की पत्नी को अनुकंपा देने कैबिनेट में प्रस्ताव प्रश्नकाल में विधायक धर्मजीत सिंह ने शहीद निलेश पाण्डेय की पत्नी की अनुकंपा नियुक्ति का मामला उठाया। जवाब में गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि कल्पना पाण्डेय को सब इंस्पेक्टर बनाने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा। मंत्री इसकी घोषणा करते हुए कहा कि शहीद की पत्नी का विषय है, मैं कैबिनेट के समक्ष इस संबंध में निवेदन करूंगा। शर्मा ने कहा कि बिलासपुर में पुलिस विभाग में 2 साल में अनुकंपा के 25 प्रकरण मिले हैं, उनमें से 14 में अनुकंपा दी गई है। 2 प्रकरणों में नियमानुसार अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता नहीं होने से प्रकरण क्लोज कर दिया गया है। अभी 9 प्रकरण लंबित हैं।
कश्यप के विभागों की 5954 करोड़ की अनुदान मांगें पारित वन मंत्री केदार कश्यप के विभागों के लिए 5954 करोड़ 41 लाख 12 हजार रूपए की अनुदान मांगे सर्वसम्मति से पारित की गई। इसमें वन के लिए 2541.28 करोड़ 60 हजार, सहकारिता के लिए 342.70 करोड़ 22 हजार, जल संसाधन के लिए 1693.96 करोड़, लघु सिंचाई के लिए 874.51 करोड़, जल संसाधन से संबंधित विदेशी सहायता प्राप्त परियोजनाओं के लिए 57 करोड़, जल संसाधन से संबंधित सहायता प्राप्त परियोजनाओं के लिए 308.71 करोड़, तथा कौशल विकास के लिए 29.41 करोड़ और राज्य विधानमंडल के लिए 106.82 करोड़ शामिल है।