सीरिया में जंग, 1000 से ज्यादा मौतें, सड़कों पर लाशें:अल्पसंख्यक अलावी टारगेट पर, बोले- HTS के लड़ाके चुन-चुनकर हमें मार रहे


सीरिया के सबसे खूबसूरत शहर लताकिया और तारतूस वीरान हैं। सड़कों पर लाशें पड़ी हैं। मरने वाले ज्यादातर आम लोग हैं। हर तरफ HTS के लड़ाके दिख रहे हैं। मीडिया कवरेज न हो, इसलिए लाशों को बिना शिनाख्त दफन कर रहे हैं। हमारे इलाकों में पानी और बिजली सप्लाई काट दी गई है। लोगों पर खुलेआम फायरिंग हो रही है। कई गांववालों ने हथियार जुटा लिए हैं और वे आर्मी से लड़ रहे हैं।’
लताकिया में रहने वाले अली महमूद अलावी समुदाय से हैं। लताकिया में बीते 6 मार्च से सीरियन फोर्स और अलावी फाइटर्स के बीच जंग चल रही है। लोगों को गोली मारने के वीडियो वायरल हो रहे हैं। सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के मुताबिक, अब तक एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं।
सीरिया पर 53 साल राज करने वाला असद परिवार लताकिया के अल-कर्दाहा गांव से ही था। तख्तापलट के बाद देश छोड़कर भागे राष्ट्रपति बशर अल असद अलावी समुदाय से हैं। उनके राज में लताकिया अलावियों का सबसे मजबूत गढ़ था।सीरिया के हालात जानने के लिए हमने अली महमूद को मैसेज किया। जवाब में उन्होंने कुछ वॉयस नोट भेजे। कहा कि मैं पहचान उजागर नहीं करना चाहता। यहां अलावी और दूसरे अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को चुन-चुनकर मारा जा रहा है।
हमने इसी वजह से उनकी पहचान उजागर नहीं की है। अली महमूद बदला हुआ नाम है।
अभी सीरिया में क्या चल रहा है अली महमूद बताते हैं, ‘8 दिसंबर, 2024 को बशर-अल-असद के देश छोड़कर भागने और तख्तापलट के बाद विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम यानी HTS सत्ता में है। तख्तापलट के करीब तीन महीने बाद सीरिया में नई लड़ाई शुरू हो गई है। असद के समर्थक अलावी HTS के लड़ाकों पर हमले कर रहे हैं। जवाब में HTS लड़ाके अलावियों के इलाकों में घुसकर हमले कर रहे हैं।’

असद समर्थकों के हमले के बाद लताकिया में सीरियन फोर्स का मूवमेंट बढ़ गया है। सरकार ने रिजर्व फोर्स यहां भेजी है।
HTS के लड़ाके अब सीरियन आर्मी का हिस्सा हैं। इस जंग का दायरा तारतूस और लताकिया के आसपास ही है। हालांकि, मौतों पर अलग-अलग दावे हैं। सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के मुताबिक, मरने वालों की तादाद एक हजार से ज्यादा है।
वहीं, सीरियन नेटवर्क फॉर ह्यूमन राइट्स के मुताबिक, 475 आम लोग मारे गए हैं। इनमें 148 की मौत असद समर्थकों के हमले में हुई है। सिक्योरिटी फोर्स के हमले में 327 नागरिक और असद समर्थक मारे गए हैं।