सेहतनामा- टॉयलेट सीट पर बैठकर फोन देखना खतरनाक:बढ़ता बवासीर का रिस्क, डॉक्टर से जानें इसका साइंटिफिक कारण
आजकल मोबाइल फोन की लत ने लोगों को इस कदर अपनी गिरफ्त में ले लिया है कि वे उसके बगैर वॉशरूम तक नहीं जाते। हममें से बहुत से लोगों की तो ये आदत बन चुकी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये आदत हमें गंभीर बीमारियों के गर्त में धकेल सकती है।
दरअसल टॉयलेट से मोबाइल फोन पर बैक्टीरिया फैलने का खतरा बहुत ज्यादा रहता है। इससे फूड पॉइजनिंग और वायरल इन्फेक्शन समेत कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
टर्किश जर्नल ऑफ कोलोरेक्टल डिजीज में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, वॉशरूम में स्मार्टफोन इस्तेमाल करने की आदत बवासीर का कारण बन सकती है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक रिव्यू रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2017 में कुछ हाईस्कूल स्टूडेंट्स के मोबाइल फोन पर एक स्टडी हुई। इसमें पता चला कि उनके फोन पर 17,000 से ज्यादा बैक्टीरियल जींस पाए गए।
वहीं अमेरिका की एरिजोना यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च में पाया है कि अधिकांश टॉयलेट सीट की तुलना में मोबाइल फोन पर 10 गुना अधिक बैक्टीरिया होते हैं।
इसलिए आज सेहतनामा में टॉयलेट सीट पर बैठकर फोन का इस्तेमाल करने से होने वाली बीमारियों के बारे में बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-
- टॉयलेट सीट पर बैठकर फोन चलाना क्यों खतरनाक है?
- इस आदत से कैसे छुटकारा पाया जा सकता है?
दुनिया में 65% लोग फोन लेकर जाते हैं वॉशरूम
वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क सर्विस प्रोवाइडर ‘NordVPN’ के एक सर्वे के मुताबिक, दुनिया में 65% लोग अपना फोन वॉशरूम लेकर जाते हैं। इनमें ज्यादातर युवा शामिल हैं। रिसर्च में शामिल 53.4% लोगों ने टॉयलेट सीट पर बैठकर फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया अकाउंट चेक करने की बात स्वीकार की है।
वहीं इलेक्ट्रॉनिक्स ट्रेड-इन वेबसाइट ‘BankMyCell’ के मुताबिक, अमेरिका में 90% लोग टॉयलेट में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि भारत में अभी इस पर काेई खास स्टडी नहीं हुई है, लेकिन इन आंकड़ों से समझा जा सकता है कि यहां भी इसका प्रतिशत काफी अधिक होगा।
टॉयलेट सीट पर बैठकर फोन चलाना खतरनाक
आमतौर पर फ्रेश होने में बस कुछ ही मिनट लगते हैं। लेकिन जब व्यक्ति अपने फोन में लीन रहता है तो समय का ध्यान नहीं रख पाता है। ऐसे में वह कभी-कभार 15-30 मिनट या उससे अधिक समय तक बैठा रह जाता है। टॉयलेट सीट पर लंबे समय तक बैठे रहने से कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए-
वॉशरूम में फोन लेकर बैठे रहने से बढ़ता बवासीर का रिस्क
टॉयलेट सीट पर ज्यादा देर तक एक ही पोजिशन में बैठे रहने से एनस (Anus) यानी मलद्वार पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे बवासीर हो सकता है। इसके अलावा मोबाइल पर ध्यान केंद्रित करने से व्यक्ति अपनी बॉडी के संकेतों को नजरअंदाज करता है। इससे वह पूरी तरह फ्रेश नहीं हो पाता या फिर ज्यादा समय लगता है। यह भी बवासीर का कारण बन सकता है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, बवासीर डिजीज भारत में सबसे कॉमन एनोरेक्टल कंडीशन में से एक है। स्टडी में ये अनुमान लगाया गया है कि लगभग 50% आबादी को 50 वर्ष की उम्र तक अपने जीवन में किसी-न-किसी समय बवासीर होता है। वहीं लगभग 5% आबादी अक्सर बवासीर से पीड़ित रहती है। दुनिया की बात करें तो लगभग 4.4% लोग हमेशा बवासीर की समस्या से पीड़ित रहते हैं।
ऐसे छुड़ाएं वॉशरूम में मोबाइल ले जाने की आदत
वॉशरूम में 10-15 मिनट से ज्यादा बैठने से बचना चाहिए। अगर आप वॉशरूम में ध्यान भटकाने के लिए फोन का इस्तेमाल करते हैं तो आपको आत्मचिंतन करने की जरूरत है कि फोन के बिना 5-10 मिनट भी क्यों नहीं रह सकते हैं।
इस समय को मोबाइल के बजाय अपने बारे में सोचने में लगा सकते हैं। टॉयलेट सीट पर बैठकर फोन चलाने की आदत से छुटकारा पाने के लिए कुछ और टिप्स भी अपना सकते हैं। जैसेकि-
- वॉशरूम जाने से पहले फोन को एक निश्चित स्थान पर रखें।
- धीरे-धीरे इस आदत को छोड़ने के लिए खुद को प्रेरित करें।
- अपनी इस खराब आदत के आगे सरेंडर न हों।
- खुद को याद दिलाएं कि टॉयलेट में मोबाइल का इस्तेमाल करना सेहत के लिए अच्छा नहीं है।
मोबाइल को सैनेटाइज करना जरूरी
फोन एक ऐसा उपकरण है, जिसे व्यक्ति सुबह आंख खोलने से लेकर रात को बिस्तर पर जाने तक साथ लिए रहता है। इसलिए ये सबसे ज्यादा बैक्टीरिया के संपर्क में आता है। ऐसे में हफ्ते में कम-से-कम एक बार मोबाइल सैनेटाइज जरूर करें।
हालांकि बहुत कम लोग ही इस पर ध्यान देते हैं। लेकिन सैनेटाइजेशन से मोबाइल पर न दिखने वाले कई खतरनाक बैक्टीरिया, जो इन्फेक्शन का कारण बनते हैं, वे खत्म हो जाते हैं। नीचे दिए ग्राफिक में मोबाइल सैनिटाइज करने के बारे में जानिए-
बवासीर से जुड़े कुछ कॉमन सवाल और जवाब
सवाल- बवासीर क्या है? जवाब- बवासीर को अंग्रेजी में हेमरॉइड्स (Hemorrhoids) कहते हैं। इसमें ज्यादा दबाव की वजह से एनस यानी मलद्वार की ब्लड वेसल्स में सूजन आ जाती है और तेज दर्द की समस्या होती है। क्रॉनिक कंडीशन में ब्लीडिंग भी हाे सकती है।
सवाल- बवासीर क्यों होता है? जवाब- बवासीर के कई कारण हो सकते हैं। इसमें कब्ज, लंबे समय तक बैठे रहना, ज्यादा जोर देकर फ्रेश होना, मोटापा और खराब डाइट शामिल हैं। इसके अलावा फिजिकल एक्टिविटी और पानी की कमी भी बवासीर का कारण बन सकती है।
सवाल- बवासीर के क्या लक्षण हैं? जवाब- इसके कुछ सामान्य लक्षण हैं। जैसेकि-
- फ्रेश होने के दौरान खून आना।
- एनस एरिया में सूजन या गांठ महसूस होना।
- एनस में जलन या दर्द होना।
- एनस में खुजली या असहज महसूस होना।
सवाल- बवासीर से बचने के क्या उपाय हैं? जवाब- अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल (जयपुर) के जनरल सर्जन डॉ. रत्नेश जेनॉ बताते हैं कि बवासीर से बचने के लिए फाइबर युक्त डाइट लें और खूब पानी पिएं। नियमित समय पर फ्रेश होने की आदत डालें और ज्यादा देर तक टॉयलेट में न बैठें। नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।
सवाल- क्या बवासीर का कोई इलाज भी है? जवाब- डॉ. रत्नेश जेनॉ बताते हैं कि बवासीर का इलाज संभव है। इसके लिए शुरुआत में डॉक्टर कुछ दवाइयां देते हैं। वहीं अगर कंडीशन क्रॉनिक है तो सर्जरी की जरूरत भी पड़ सकती है।

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